– प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन कर की गई जाँच
– जाँच के पश्चात सुरक्षित और सामान्य प्रसव को लेकर चिकित्सकों द्वारा दी गई आवश्यक जानकारियाँ
खगड़िया-
शुक्रवार को जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच हुई । यह जाँच स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर लगाकर किया गया। बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं ने अपने-अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जाँच करवाई। जाँच के बाद चिकित्सकों द्वारा गर्भवती को रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ, समेत अन्य चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया गया ।
– गर्भवती महिलाओं की हुई समुचित जाँच :-
इन शिविरों में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं शामिल हुईं और सुरक्षित व सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जाँच करवाई। शिविर में जाँच कर रहे मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट आदि की भी जाँच की गई। एएनसी जांच के लिए शिविर में मौजूद महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराने की सलाह दी गई।
– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जाँच जरूरी :-
जिला सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया, प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जाँच करानी चाहिए। दरअसल, समय पर जाँच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाता है| शुरूआती दौर में पता लगने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएचसी स्तर पर एएनसी जाँच की व्यवस्था की गई है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल सके। साथ ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए हर गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जाँच कराना जरूरी है।
– शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की है बेहतर व्यवस्था :-
सरकार द्वारा प्रत्येक महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार द्वारा की गई यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम भी लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़ेगा।
– सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए गर्भवती महिला को प्रोटीन युक्त आहार जरूरी :-
शिविर के दौरान चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए गर्भवती महिला को प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना जरूरी है| किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत योग्य चिकित्सकों से जाँच करानी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान शरीर को उचित पोषण बेहद जरूरी है। इससे ना सिर्फ गर्भवती स्वस्थ रहेगी, बल्कि गर्भस्थ शिशु भी स्वस्थ रहेगा। जिससे सुरक्षित प्रसव को भी बढ़ावा मिलेगा।
– संस्थागत प्रसव को लेकर किया गया जागरूक :-
वहीं, एएनसी जाँच के दौरान महिलाओं को संस्थागत प्रसव को लेकर जागरूक किया गया। इस दौरान सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी गई। ताकि महिलाओं में सुरक्षा के दृष्टिकोण से संस्थागत प्रसव को लेकर किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं रहे और सभी महिलाएं संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दें।
– इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
– मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
– यात्रा के दौरान निश्चित रूप से सैनिटाइजर पास में रखें।
– भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
– बाहरी खाना खाने से परहेज करें।
– मुँह, नाक और ऑख को अनावश्यक छूने से बचें और छूने के पूर्व अच्छी तरह हाथों की सफाई करें।