जी-20 की अध्यक्षता के साथ ऊंची छलांग मारने को तैयार है भारत- डॉ. शंकर घनश्यामदास अंदानी, सीए

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नईदिल्ली-

डॉ. शंकर घनश्यामदास अंदानी। सीए व सामाजिक कार्यकर्ता। भारत के विकास पर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्पीकर में आपका नाम शामिल है। इनका मानना है कि देश जी-20 की अध्यक्षता के बाद तेजी से आगे बढ़ेगा। इनका लक्ष्य है कि जरूरतमंद लोगों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करना। जिसके लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। करीब 200 से अधिक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हैं। इन्हें कई प्रतिष्ठित अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। डॉ शंकर घनश्यामदास अंदानी से संवाददाता मानवेंद्र ने खास बातचीत की पेश है उसके कुछ अंश।

-जी-20 जनभागीदार में आप स्पीकर के रूप में भागीदार किया। जो एक रिकॉर्ड बन गया है। जनभागीदार स्पीकर सम्मेलन में आप किस मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी।

जी -20 एक अद्भूत कांसेप्ट है। जिसे भारत अभी अध्यक्षता कर रहा है। एक ही मंच पर 320 स्पीकर अलग-अलग विषय पर अपनी बात रखें। जिसमें भारत के विषय पर चर्चा की गई। दरअसल, जी-20 ऐसा कांसेप्ट है जिसमें 20 ऐसे विकसीत देश हैं जहां की 80 फीसदी जनसंख्या के पास विश्व की 90 जीडीपी है। आज भी भारत को विकासशील देश में रखा गया है। अब देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इनकम बढ़ाना है। और अपने देश को विकसित देश में शामिल करना है। इसके लिए एक्सपार्ट बढ़ाना आवश्यक है। इंपोर्ट घटाना है।

-तो क्या इस सम्मेलन में भारत को विकसित देश बनाने के लिए कार्य योजना पर भी चर्चा हुई।

आपने बिल्कुल सही सवाल उठाया है। सरकार आम आदमी की आमदनी बढ़ाने के लिए कई कार्य योजना पर कार्य कर रही है। डबल टैक्सेसन अवार्डर एग्रीमेंट किया हुआ है जिससे की मैन्यूफैक्चरींग करने वाले उद्योगपति को काफी लाभ मिलने वाला है। खास तौर पर इनकम टैक्स जो आम आदमी को 25 फीसदी की छूट है तो कॉरपोरेट के लिए 30 फीसदी। अगर मैन्यूफैक्चरिंग करते हैं तो उन्हें दस फीसदी की सुविधा दी जाएगी। टैक्स की रियायत मिलेगा तो मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ेंगी। उत्पादन बढ़ेगा।

-सरकार स्वरोजगार के लिए लगातार कार्य कर रही है क्या इस सम्मेलन में इस पर चर्चा हुई।

सरकार मेक इन इंडिया पर जोर दे रही है। दरअसल भारत में श्रमिक सस्ते हैं। मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ेगा तो रोजगार बढ़ेगा। कह सकते हैं रोजगार सृजन होगा। आज देश में स्टार्ट अप की बाढ़ है। विश्व में दूसरे-तीसरे नंबर पर हम हैं।

-देश में विभिन्नताएं हैं। ऐसे में कैसे हम वैश्विक स्तर पर प्रतियोगिता कर सकेंगे।

देश की विभिन्नता व विषमता ही शक्ति हैं, गुण है। आज डेवलप के लिए मेट्रो में जगह नहीं है लेकिन मेट्रो शहर के अलावे अन्य जगहों पर विकास किया जा रहा है। छोटे शहरों में इंडस्ट्री लगाना आसान है सरकार कई प्रोत्साहन कार्यक्रम चला रही है। एमएसएमई में कई प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाए गए हैं। आज जी-20 में इसपर भी चर्चा हुई।

-आप लगातार सामाजिक कार्यों में रूचि रखते हैं। 200 से अधिक सामाजिक संस्था से आप जुड़े हैं। समाज में कौन सी समस्याएं हैं जिसे लेकर आप लगातार कार्य कर रहे हैं।

समाज में कई तरह की समस्याएं हैं। जिसमें सबसे ज्यादा जो हमें झकझोरती है वह है गरीबी। इसको लेकर हम कार्य कर रहे हैं। दूसरों की मदद करने में हम नहीं हिचकिचाते हैं। हमारा उद्देश्य गरीबी से उबरने के लिए सभी के जीवन में सुधार करना है और लोगों को एक बेहतर जीवन देना है। हमारा लक्ष्य है सभी जरूरतमंद लोगों को सर्वोत्म शिक्षा देना। क्योंकि शिक्षा से ही जीवन शैली को बदला जा सकता है।

-आपको कई पुरस्कार मिले हैं जिसमें भारतीय सेवा रत्न पुरस्कार,इंडियन इंटरनेशनल अचीवमेंट अवार्ड हिंदुस्तान रत्न पुरस्कार, महात्मा गांधी सेवा रत्न पुरस्कार, ग्लोबल यूथ अचीवमेंट गौरव श्री सम्मान, ग्लोबल प्रोफेशनल अवार्ड, भारतीय एकता सम्मान पुरस्कार, टीपीएल टेक्नोबिजनेस अवार्ड 2022, इंडियन सीएसआर अवार्ड 2022, इंटरनेशनल ग्लोरी अवार्ड सहित कई अवार्ड मिल चुका है। आप इसको कैसे देखते हैं।

हमारी कोशिश है देश की सेवा करना। लगातार हम समाज के लिए कार्य करते हैं। समाज की संस्थाएं कार्य को देखते हुए सम्मान देती है जिससे हमारी जिम्मेवारी और बढ़ जाती है। और दोगुने उत्साह के साथ हम कार्य करते हैं।