टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान को  लेकर आरबीएसके टीम का किया गया उन्मुखीकरण

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-पारा मेडिकल संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में जिले की सभी आरबीएसके टीम  शामिल
– आरबीएसके टीम से क्षेत्र में टीबी जांच में तेजी लाने की अपील की गई
बांका, 23 मार्च-
टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान के तहत पारा मेडिकल संस्थान में बुधवार को जिले की सभी 11 आरबीएसके टीम का उन्मुखीकरण किया गया। इस दौरान टीम के सदस्यों से क्षेत्र में भ्रमण के दौरान टीबी जांच की गति तेज करने की अपील की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि आरबीएसके की टीम के सदस्य जब बीमारियों की जांच करने के लिए स्कूल का भ्रमण करती है तो उस दौरान स्कूल में टीबी जांच अवश्य करें। साथ ही टीबी के प्रति लोगों को जागरूक जरूर करें। ऐसा करने से टीबी रोगियों की संख्या तेजी से घटेगी।
वहीं जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। आरबीएसके की टीम भी इस मुहिम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। स्कूलों में टीबी की जांच और जागरूकता बढ़ने से समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा। इससे टीबी बीमारी जल्द खत्म होगी। वहीं चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सोहैल अंजुम ने सभी को टीबी जांच के तरीके के बारे में बताया। उन्होंने आरबीएसके की टीम को बच्चों और बड़ों की टीबी जांच किस तरह से करनी है, इसकी जानकारी दी।
टीबी अब छुआछूत की बीमारी नहीं रहीः केयर इंडिया के डीटीएल तौसीफ कमर ने भी आरबीएसके टीम में शामिल डॉक्टरों, एएनएम और टेक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि टीबी अब छुआछूत की बीमारी नहीं रही। इसे लेकर लोगों को अपना भ्रम तोड़ना होगा। टीबी का मरीज दिखे तो उससे दूरी बनाने के बजाय उसे इलाज के लिए प्रोत्साहित करना होगा। इससे समाज में जागरूकता बढ़ेगी और जागरूकता बढ़ने से इस बीमारी पर जल्द काबू पा लिया जाएगा। ऐसा करने से कई और लोग भी इस अभियान में जुड़ेंगे और धीरे-धीरे टीवी समाप्त हो जाएगा। इस दौरान जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय, डीपीएस गणेश झा, एसटीएस शिवरंजन कुमार, एसटीएलएस संजय कुमार सिंह और डाटा ऑपरेटर अनुज कुमार भी मौजूद रहे।
टीबी को हल्के में नहीं लेना चाहिएः एसीएमओ डॉ. चौधरी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि टीबी की बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। एक टीबी का मरीज साल में 10 से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता और फिर आगे वह कई और लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए लक्षण दिखे तो तत्काल इलाज कराएं। एक के जरिए कई लोगों में इसका प्रसार हो सकता है। अगर एक मरीज 10 लोगों को संक्रमित कर सकता है तो फिर वह भी कई और लोगों को संक्रमित कर देगा। इसलिए हल्का सा लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं और जांच में पुष्टि हो जाती है तो इलाज कराएं।
दो हफ्ते तक खांसी हो तो कराएं टीबी जांचः जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि टीबी एक संक्रामक रोग जरूर है, लेकिन इसका इलाज संभव है। अगर दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी और खांसी में खून आए तो तत्काल जांच कराएं। जांच कराने के बाद अगर टीबी की पुष्टि हो जाती है तो तत्काल इलाज शुरू कर दें। समय पर इलाज हो जाने से टीबी जल्द ठीक हो जाता और यह दूसरों में भी नहीं फैलता है। इसलिए समय पर इलाज कराना जरूरी है।