– जिलाधिकारी ने खुद दवा खाकर अभियान की शुरुआत
– घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा
लखीसराय-
जिले में गुरुवार को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान का शुभारंभ हुआ। इस अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने खुद अपने कार्यालय में दवा खाकर किया। इसके बाद डीडीसी, सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डीसीएलआर समेत अन्य पदाधिकारियों ने भी जिलाधिकारी के कार्यालय में दवा का सेवन किया। जिसके बाद जिले में गुरुवार से अभियान की विधिवत शुरुआत हुई। वहीं, इस दौरान जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा, फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा का सेवन बहुत जरूरी है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि निश्चित रूप से पूरी तरह निःसंकोच होकर दवा खिलाने वाली टीम के सामने दवा का सेवन करें। मुझे जिले वासियों से विश्वास ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए तमाम जिले वासी निश्चित रूप से सकारात्मक सहयोग करेंगे। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति डीपीएम, डीभीबीडीसीओ, भीडीसीओ, भीबीडीसी, लखीसराय सदर पीएचसी प्रभारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बीसीएम, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पीसीआई, केयर इंडिया के डीटीएल, डीपीओ समेत अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि मौजूद थे।
– घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा –
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा, जिले के सभी प्रखंडों में एमडीए अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान के तहत गृह भेंट की तर्ज पर आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को खुद के सामने अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाएं खिलाएंगी। ताकि एक भी व्यक्ति दवाई खाने से वंचित नहीं रहे और अभियान सफल हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, 2 से 5 साल तक के बच्चों को 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम की अल्बेंडाजोल की एक-एक गोली, 6 से 14 साल तक के किशोरों को डीईसी की दो एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन गोलियां एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलायी जानी है।
– गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को नहीं खिलाई जाएगी दवा :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया, अभियान के दौरान घर-घर जाकर लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाएं पात्र व्यक्तियों को खिलाई जाएगी। उक्त दवा गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जाएगी। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए जागरूक भी किया जाएगा । ताकि उक्त अभियान का सफलतापूर्वक समापन एवं बीमारी पर रोकथाम संभव हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई के साथ-साथ एहतियात भी जरूरी है। इसलिए, अभियान के दौरान योग्य व्यक्तियों को दवाई तो खिलाई ही जाएगी। इसके अलावा इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। जैसे कि, घर के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें एवं घरों में सोने से पहले मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही अन्य लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक भी करें, ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी जड़ से समाप्त हो सके। इस बीमारी को पूरी तरह से मिटाने के लिए जागरूकता भी बेहद जरूरी है।
– साइड इफेक्ट से घबराएं नहीं :
दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक हो जाते हैं।
– फाइलेरिया क्या है ?
– फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
– किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
– फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।
– किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
– इन बातों का रखें ख्याल :
– भूखे पेट दवा नहीं खिलानी है।
– किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।
– गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है।
– 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है।
– गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है।
– फाइलेरिया से बचाव के उपाय :
– सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
– घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
– अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।