सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को लिखा पत्र
प्रखंड से सूची आ जाने के बाद सहायता के काम में आएगी तेजी
भागलपुर-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। इसे लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में सिविल सर्जन ने जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा प्रभारियों को चिट्ठी लिखकर जल्द से जल्द प्रखंडों में मौजूद फाइलेरिया के मरीजों की सूची मांगी है। सूची आ जाने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। फिर उसमें कौन-से मरीज को क्या सहयता दी जा सकती है। उसका निर्धारण किया जाएगा। अगर किसी के हाइड्रोसिल में फाइलेरिया है तो उसके ऑपरेशन की व्यवस्था की जाएगी। या फिर किसी के पैर फाइलेरिया की वजह से फूल गए हैं तो उसे मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी।
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर हमलोग गंभीर हैं। साल में दो बार इसे लेकर अभियान भी चलाया जाता है। एक बार फरवरी और एक बार सितंबर में । जिसमें आशा कर्यकर्ताओं की मदद से जिले के लोगों को दवा खिलाई जाती है। इसके अलावा जो लोग फाइलेरिया से पीड़ित हैं उसे भी सहयोग किया जाता है, ताकि उन्हें राहत मिल सके। इसी सिलसिले में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा प्रभारियों को चिट्ठी लिखी गई है। चिट्ठी में सभी को फाइलेरिया के मरीजों की सूची भेजने को कहा गया है। सूची आ जाने के बाद जो मरीज जिस सहायता के लायक होगा, उसे उस तरह की सहायता की जाएगी।
प्रभारी जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी से तो मरीजों को पूरी तरह आजादी नहीं मिलती है, लेकिन बेहतर मोर्बिडिटी प्रबंधन के जरिये थोड़ी राहत जरूर मिलती है। इसी को लेकर मरीजों में किट बांटी जाएगी । जिलेभर में 500 मरीजों को किट बांटी जाएगी । जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल और सदर अस्पताल में यह किट उपलब्ध रहेगी । फाइलेरिया के मरीज इन जगहों पर जाकर यह किट ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि दरअसल, फाइलेरिया के मरीजों की चमड़ी थोड़ी मोटी हो जाती है। जिस जगह पर फाइलेरिया होता है, वहां पर जख्म का खतरा भी रहता है। जख्म होने के बाद मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हो, इसके लिए किट में मौजूद दवा और सफाई से फाइलेरिया रोगियों को राहत मिलेगी। इस किट में एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटीसैप्टिक क्रीम, पट्टी इत्यादि सामान रहेंगे, जिससे फाइलेरिया मरीज होने वाले जख्म को ठीक कर सकते हैं, जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा जिनके हाइड्रोसिल में सूजन होगी , वह ऑपरेशन के जरिये ठीक हो जाएंगे।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरियाः डॉ. दीनानाथ कहते हैं कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें, इसके लिए सरकार साल में दो बार एमडीए अभियान चलाती है। एक बार फरवरी और एक बार सितंबर में । इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती , जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।