• कोरोना से बचने को टीका जितना जरूरी, उतना ही फाइलेरिया से बचने को डीईसी-अल्बेंडाजोल लेना जरूरी
• जिले के फाइलेरिया रोग से पीड़ित व्यक्ति आमलोगों से हर हाल दवा का सेवन करने की कर रहे हैं अपील
बांका, 4 अक्टूबर-
जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर एमडीए ( मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान का दूसरा चरण रविवार से चल रहा है। पहला चरण 20 से 23 सितंबर तक चला। इस दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिला रही हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए एक तरफ जहां आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में मेहनत कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर फाइलेरिया से पीड़ित लोग भी लोगों से दवा लेने की गुजारिश कर रहे हैं। फाइलेरिया से पीड़ित लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि जिस तरह कोरोना से बचने के लिए टीका ले रहे हैं, उसी तरह फाइलेरिया से बचने के लिए डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली अवश्य लें।
महिलाओं ने लोगों से हर हाल में दवा लेने की अपील की
सोमवार को ककवारा पंचायत के सोनारी गांव की महिलाओं ने लोगों से हर हाल में दवा लेने की अपील की। 70 साल की मोनिका देवी कहती हैं मैं जो परेशानी झेल रही हूं, दूसरे लोग इससे बचे रहें तो यह बहुत ही अच्छा है। स्वास्थ्व विभाग लोगों को घर-घर में दवा मुहैया करा रहा है। इससे अच्छा क्या होगा। सरकार जब फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर गंभीर है तो आमलोगों को भी इसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी निभानी चाहिए। जिस तरह कोरोना से बचने के लिए लोग टीका लेने में उत्साह दिखा रहे हैं, उसी तरह लोगों को फाइलेरिया से बचने के लिए दवा एमडीए अभियान के तहत दवा लेने के लिए आगे आना चाहिए। इसी गांव की 55 वर्षीय उषा झा कहती हैं मुझे जो झेलना था, वह तो झेल ही रही हूं। अब तक जिसे यह बीमारी होनी थी , उसे हो गयी । अब आगे कोई इसकी चपेट में नहीं आए। यह जरूरी है। इसके लिए लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली हर हाल में खाना चाहिए। मैं तो हर किसी से इसका सेवन करने के लिए कहती हूं। अभी अभियान चल रहा है। लोगों को आगे बढ़कर दवा लेना चाहिए।
आठ दिन और चलेगा अभियानः
पर्यवेक्षण वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल कहते हैं कि अभियान अभी आठ दिन और चलेगा। पूरे अभियान के दौरान जिले के 24 लाख से अधिक लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलायी जानी है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं की 970 टीम बनाई गई है। जहां पर आशा कार्यकर्ता नहीं हैं, वहां पर आंगनबाड़ी सेविका या फिर प्रेरक इस काम को कर रही हैं। अभियान के दौरान लाभुकों को अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खिलाई जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं की टीम को क्षेत्र में लोगों को अपने सामने दवा खिला रही हैं। दवा खिलाने के बाद आशा कार्यकर्ता रजिस्टर में लाभुकों का नाम भी दर्ज कर रही हैं। साथ ही अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग को केयर इंडिया और पीसीआई भी सहयोग कर रही है।
गंभीर रूप से बीमारों को नहीं खिलाई जा रही दवाः
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जा रही है। अल्बेंडाजोल की गोली लोगों को चबाकर खानी है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जा रही है। साथ ही गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जा रही है। दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफ़ेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरियाः
जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) ने बताया कि कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने देना चाहिए। घर के आसपास साफ-सफाई रखना चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।