“बाल ह्रदय योजना” ने दी ऋतिका को नयी ज़िंदगी

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-पिता ने स्वास्थ्य विभाग और आरबीएसके की टीम का किया धन्यवाद
बिहारशरीफ-
“स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार और डॉ. सत्यरंजन ने मेरी बेटी ऋतिका को बचा कर मुझे जीवनदान दिया है। उनका जितना भी आभार मानूँ वह कम है| इनके प्रयासों के कारण आज मेरी 4 साल की बेटी सही सलामत अपनी माँ की गोद में है । “ ये कहते कहते भावुक हो जाते हैं चार वर्षीय ऋतिका के पिता राजेश|
हृदय में छेद की पुष्टि से लगा सदमा:
नालंदा के हिलसा प्रखंड के निवासी राजेश वर्मा पेशे से पैथोलोजिस्ट हैं। उन्होंने बताया ऋतिका जन्म के 6 महीने तक बिलकुल स्वस्थ और सामान्य बच्चों की तरह थी । लेकिन 2017 में जून महीने से उसकी तबीयत लगातार बिगड़ने लगी| थोड़ी देर खेलने से उसकी सांस फूलने और असामान्य रूप से सुस्त पड़े रहने , लगातार सर्दी बुखार जैसे लक्षणों को देख कर काफी चिंता होने लगी।कई स्थानीय डाक्टरों से संपर्क करने के बाद आखिरकार पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज(एनएमसीएच)में उसके हृदय में छेद होने की बात बताई गयी। यह एक पिता के लिए सदमे से कम नहीं था। पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच )में भी इसकी पुष्टि हुई और बच्ची को बचाने का एक मात्र विकल्प ऑपरेशन बताया गया।
अहमदाबाद में हुआ सफल ऑपरेशन :
राजेश बताते हैं हताशा के इन क्षणों में स्वास्थ्य विभाग डूबते को तिनके का सहारा बनकर आया| उन्हें बाल हृदय योजना और उसके अंतर्गत ऋतिका के हृदय के निःशुल्क ऑपरेशन होने के बारे में बताया गया। इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) बच्ची के स्कीनिंग के लिए बुलाया गया और जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने को कहा गया। 2 अप्रैल को पटना से वायुयान द्वारा बच्ची सहित राजेश को अहमदाबाद भेजा गया। जहां केयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सीआईएमएस )के अंतर्गत 5 अप्रैल को उसका सफल ऑपरेशन हुआ।
निःशुल्क इलाज और सहयोग के लिए विभाग के प्रति जताया आभार :
राजेश कहते हैं, एक तो बच्ची की छोटी उम्र और ऊपर से महंगे इलाज पर आने वाले लाखों के खर्चे, इन सब के बारे में सोच- सोच कर वे काफी हताश हो गए थे। जब उन्हें बताया गया कि खर्चे और इलाज की सारी ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री जी के स्वास्थ्य योजनाओं में से एक बाल हृदय योजना के तहत उठाई जाएगी तो उन्होंने राहत की सांस ली। वो न सिर्फ अपने तरफ से बल्कि उन प्रत्येक अभिभावक की तरफ से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग का आभार मानते हैं । जिसके कारण आज केवल ऋतिका ही नहीं बल्कि उसके जैसे कई बच्चे स्वस्थ होकर अपनी माँ की गोद में खेल रहे हैं।
इस बार चार बच्चों को मिला योजना का लाभ :
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. सत्यरंजन ने बताया मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना पार्ट 2 में बच्चों में जन्मजात ह्रदय में छेद होने पर बच्चे के निः शुल्क इलाज के लिए बाल ह्रदय योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत इस बार जिले से चार बच्चों को अहमदाबाद इलाज के लिए भेजा गया है। ऋतिका भी उन्ही दो बच्चों में एक है जो पहली पारी में वापस आए हैं। जब उन्हें ऋतिका के बारे में जानकारी हुई तब आरबीएसके की टीम ने उसके घर जाकर उसकी स्क्रीनिंग की। उसके बाद बच्ची को आईजीआईसी में रेफर किया गया। वहां प्राथमिक उपचार के उपरांत उसके अभिभावक के साथ अहमदाबाद भेजा गया जहाँ उसका निःशुल्क सफल ऑपरेशन हुआ और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।