बिल्डर मनोज रॉय एवं संजीव शर्मा की धोखाधड़ी

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गार्डिनिया ग्लैमर फेज २, सेक्टर ३, वसुंधरा, ग़ाज़ियाबाद सोसाइटी की बिल्डर मनोज रॉय एवं संजीव शर्मा की धोखाधड़ी, आवास विकास और जिला प्रशासन क़े सरकारी ढुलमुल रवैये की वजह से अभी तक रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है क्योंकि बिल्डर मनोज राय एवं संजीव शर्मा ने  फ्लैट बायर्स से पूरे पैसे ले लिए परन्तु आवास विकास को प्लाट का पूरा पैसा नहीं दिया और इस प्रोजेक्ट की कम्पाउंडिंग भी अभी तक नहीं कराई है, बिल्डर के ऊपर आवास विकास की  बकाया राशि लगभग ७० करोड़ है। आवास विकास ने ७ साल पहले जिला प्रशाशन को बिल्डर क़े खिलाफ वसूली पत्र भेजा हुआ है परन्तु जिला प्रशासन की तरफ से बिल्डर क़े विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसके अलावा इस बिल्डर ने कारपोरेशन बैंक का ३२ करोड़ का  कर्ज जो कि इस  प्रोजेक्ट के प्लाट पर ले रखा है उसको भी बिल्डर ने बैंक को अदा नहीं किया है। इस प्रकार  गार्डिनिया ग्लैमर फेज II प्रोजेक्ट पर लगभग १०० करोड़ की  देनदारी है, जबकि इस प्रोजेक्ट का पूरा पैसा मनोज राय ने स्पेक्ट्रम कमर्शियल सेक्टर ७५ नॉएडा  में लगा दिया है इससे लोग बहुत उत्तेजित और नाराज है।  अभी इस धोखेबाज़ बिल्डर ने DG की बिजली की यूनिट दरों में काफी वृद्धि कर दी है इस फ्लैट बायर्स पर कोरोना काल मैं दोहरी मार पड़ रही है। मा० मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी के द्वारा बिल्डर से धोखा खायी जनता को उनके फ्लैटों का हक़ दिलाने का ४ साल पुराना वादा एक छलावा ही साबित हो रहा है।

गार्डिनिया ग्लैमर फेज २ सोसाइटी के लोगों के कई बार बिल्डर के नॉएडा में स्पेक्ट्रम कमर्शियल प्रोजेक्ट पर धरना प्रदर्शन भी किया है और कई बार मीटिंग भी की है । परन्तु बिल्डर हर बार खोखले वादे कर देता है और फिर कुछ नहीं करता है। इसमें  आवास विकास की भी गलती है कि उसने बिल्डर से बकाया राशि वसूल क्यों नहीं की है  इससे बिल्डर के साथ आवास विकास की मिलीभगत प्रतीत होती है तभी तो बिल्डर पुरे ३०८ फ्लैट बेचकर उसके पैसे भी डकार गया है। फ्लैट बIयर्स के द्वारा जब सब जगह जिलाधिकारी, प्रमुख सचिव (आवास), सांसद जनरल वी के सिंह  एवं मुख्यमंत्री श्री आदित्य नाथ योगी जी  एवं श्री जे पी नड्डा जी  से गुहार लगाने के बाद भी सरकार के द्वारा कोई भी मदद नहीं मिली तो लोगो ने सड़क पर आकर संघर्ष करना ही उचित समझा।

 

प्रशासन के ढुलमुल रवैये का यही पता चलता है कि जब हम लोग आवास विकास और जिलाधिकारी को इन सब बातो से अवगत करा चुके थे उसके बाद भी आवास विकास परिसद बिल्डर के वसुंधरा सेक्टर १५  स्थित दुसरे प्रोजेक्ट को भी सील नहीं करा और बिल्डर ने बिना कम्पलीशन सर्टिफिकेट के आवास विकास के अधिकारियो की मिलीभगत से कब्ज़ा दे दिया। रजिस्ट्री ना होने से सरकार को स्टाम्प ड्यूटी के रूप में करोडो की चपत लग रही है

 

हमारी सरकार से यही प्रार्थना है कि, सरकार और प्रशासन इस बिल्डर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे और हमारे फ्लैट्स की रजिस्ट्री करवाने के लिए हर संभव कदम उठाये इसके अन्य प्रोजेक्टों से यथासंभव वसूली करे।