लखीसराय जिले के कालाजार प्रभावित चार प्रखंड के चार गाँवों में चलेगा छिड़काव अभियान 

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– अभियान की सफलता को लेकर कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
– लखीसराय, सूर्यगढ़ा, पिपरिया एवं बड़हिया प्रखंड के कालाजार प्रभावित गाँव में चलेगा अभियान
लखीसराय-
पूरे प्रदेश में कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में  जिले के  कालाजार प्रभावित चार प्रखंडों, लखीसराय, सूर्यगढ़ा, पिपरिया एवं बड़हिया में शुरू होने वाले एस.पी छिड़काव की सफलता को लेकर कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण भीबीडी सलाहकार नरेंद्र कुमार के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान छिड़काव कर्मियों को घर-घर जाकर कैसे छिड़काव करनी है, छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना आदि तमाम जानकारियाँ विस्तार पूर्वक दी गई। इस मौके पर भीडीसीओ भगवान दास,  भीडीएस विनोद कुमार चौबे, दिलीप कुमार मालाकार,शंकर कुमार एवं केयर इंडिया की केबीसी ललिता कुमारी आदि मौजूद थी।
– द्वितीय चक्र के तहत 60 दिनों तक चलेगा छिड़काव अभियान :
भीबीडी सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, जिले के  कालाजर प्रभावित चार प्रखंडों के पाँच गाँव एवं लखीसराय क्षेत्र के दो वार्डों में शुरू होने वाले  द्वितीय चक्र का छिड़काव अभियान 60 दिनों तक चलेगा। इस छिड़काव करने वाली स्वास्थ्य टीम लखीसराय के रजौना चौकी के वार्ड न.1,एवं वार्ड न.10महिसोना, सूर्यगढ़ा के रामपुर एवं उरेन पिपरिया के रामचंद्रपुर एवं बड़हिया के आदर्श लक्ष्मीपुर गाँव में घर-घर जाकर छिड़काव करेगी। इस दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा कि एक भी घर छिड़काव से छूटे नहीं और हर हाल शत-प्रतिशत घरों में छिड़काव सुनिश्चित रूप से हो।
– सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध :
कालाजार मरीजों की जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है।  साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रूपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिससे  कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।