देहरादून:
राज्य में लगातार हो रही हिंसा और नफरत की राजनीति को रोकने के लिए वाम दलों की संयुक्त बैठक हुई। उत्तराखण्ड के पुरोला में हुई साम्प्रदायिक नफरत और उन्माद की घटनाओं की तीनों वामपंथी पार्टियों- भाकपा, भाकपा, भाकपा (माले) के पदाधिकारियों ने घोर निंदा की है।
सीपीआई के राज्य सचिव जगदीश कुलियाल ने इन मुद्दों पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साम्प्रदायिक उन्माद को प्रभावी ढंग से रोकने के बजाय उन्माद फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। भूमि जिहाद और लव जिहाद जैसे असंवैधानिक शब्दों का लगातार प्रयोग कर मुख्यमंत्री ने स्वयं साम्प्रदायिक उन्माद के प्रचारक की भूमिका ग्रहण कर ली है।”
जगदीश कुलियाल ने आगे कहा कि ‘पुरोला में सांप्रदायिक तनाव के दौरान मुख्यमंत्री दो बार उत्तरकाशी जिले में थे, लेकिन वहां मौजूद रहने के दौरान उन्होंने न तो शांति की अपील की और न ही कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात की.’
वक्ताओं ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए बताया की माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद उत्तराखंड में नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। लव जिहाद और भूमि जिहाद जैसी शब्दावली भी असंवैधानिक और अवैध होने के बावजूद इसका उपयोग सरकार के प्रमुखों द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने स्वयं राज्य में भूमि की असीमित बिक्री के लिए कानून बनाया था। बहुसंख्यक हिंदुओं में अल्पसंख्यकों के प्रति भय और घृणा की भावना पैदा की जा रही है।
सभी वाम दलों ने 18 मई को उपरोक्त मुद्दों पर वेबिनार करने का निर्णय लिया और 20 जून को उत्तराखंड के सभी जिला मुख्यालयों पर वामपंथी दल प्रदर्शन करेंगे।
बैठक में जगदीश कुलियाल (राज्य सचिव, भाकपा), राजेंद्र नेगी (राज्य सचिव, भाकपा), इंद्रेश मैखुरी, राज्य सचिव, भाकपा (माले), समर भंडारी (राष्ट्रीय परिषद सदस्य, भाकपा), अशोक शर्मा (राज्य कार्यकारी सदस्य) उपस्थित थे। , भाकपा), रवींद्र जग्गी (राज्य सहायक सचिव, भाकपा), शिव प्रसाद देवली (राज्य समिति सदस्य, माकपा), इंदु नौदयाल (राज्य समिति सदस्य, माकपा), राजेंद्र पुरोहित (राज्य समिति सदस्य, भाकपा), अनंत आकाश (स्टेट कमेटी मेंबर, सीपीआई(एम), कैलाश पाण्डेय (सेंट्रल कमेटी मेंबर, सीपीआई(एमएल), केके बोरा स्टेट कमेटी मेंबर, सीपीआई(एमएल) मौजूद थे।