सही समय पर जांच और उपयुक्त इलाज से मिली ब्रेन टीबी से निजात : लखन कुमार

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– जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर सहित जिले के सभी अस्पतालों एवं प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है ब्रेन टीबी की जांच और इलाज की सुविधा
– पंजाब के स्पोर्ट्स कम्पनी में काम करता है लखन, जिसे 2018 में काम करने के दौरान हुई थी सिर दर्द की शिकायत

मुंगेर-

सही समय पर बीमारी कि पहचान के लिए सही जांच और उसके बाद उपयुक्त इलाज के बाद ब्रेन टीबी जैसी बीमारी से भी निजात मिल सकती है। यह कहना है ब्रेन टीबी जैसी गंभीर बीमारी को मात देकर स्वस्थ्य होने वाले मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत लोहची गांव के रहने वाले टीबी चैंपियन 32 वर्षीय लखन कुमार का। लखन कुमार ने बताया कि वो पंजाब के एक स्पोर्ट्स कम्पनी में काम करता है। सन 2018 के मई- जून के महीने में काम के दौरान उसे सिर में दर्द होना शुरू हुआ तो लगा कि यह सामान्य सिर दर्द है जो सिर दर्द की दवा लेने के बाद ठीक हो जाएगा। इसके बाद वो एक दवा दुकान हॉल से सिर दर्द की दवा लेकर खाने लगा। इसके बाद दवा खाने के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन बाद में फिर से सिर में दर्द होना शुरू हो गया। कुछ दिनों तक ऐसा ही होने पर आसपास के प्राइवेट डॉक्टर से मिलकर अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने भी सिर दर्द का ही इलाज चला कर दवाइयां दी लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ और तबियत और भी बिगड़ने लगी| उल्टियां भी होनी शुरू हो गई। इस दौरान 20 से 25 हजार रुपये भी खर्च हो गए।

पंजाब में तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद वापस लौट आया अपने घर बिहार :
लखन कुमार ने बताया कि पंजाब में तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद वह मुंगेर के बरियारपुर प्रखंड के लोहची गांव स्थित अपने घर लौट आया। यहां आने के बाद उसके भाई ने बेहतर इलाज के लिए मुंगेर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल सेवायान में भर्ती कराया जहां भयंकर सिरदर्द की वजह से वह घण्टों- घण्टों तक चिल्लाता रहता था। इसके बाद सेवायान के डॉक्टरों ने उसकी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मुझे आईसीसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया। यहां इलाज के दौरान जांच कराने के बाद जानकारी मिली कि उसे ब्रेन टीबी है। इसके बाद ब्रेन टीबी का इलाज शुरू किया गया और टीबी की दवाइयां दी जाने लगी। इसी दौरान उसे एक अन्य रिश्तेदार से जानकारी मिली कि जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर में किसी भी तरह की टीबी की जांच और इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। इसके साथ ही टीबी की दवाइयां भी यहां से निःशुल्क ही मिल जाती हैं ।

जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर से 12 महीने तक निःशुल्क चला इलाज और मिलती रही दवाइयां :
उन्होंने बताया कि जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर से लगभग 12 महीने तक उनका इलाज चला। इस दौरान यहां से दवाइयों के साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत खाने- पीने के लिए 500 प्रति माह के रूप में अनुदान राशि भी मिलती रही।

जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर के जिला टीबी/ एचआईवी रोग समन्वयक शलेन्दु कुमार ने बताया कि ब्रेन टीबी एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी की श्रेणी में आता है। इसे माईनरी भी कहा जाता है। इसमें टीबी मरीज ट को नेक इरिडिटी की समस्या होती है। जिसमें मरीज की ठुड्डी उसके सीने से नहीं सटती है। बताया कि ब्रेन टीबी के मामले में खाँसी की समस्या नहीं हो कर अन्य सभी लक्षण जैसे वजन का कम होना, बुखार का होना सहित अन्य लक्षण मौजूद रहते हैं। ब्रेन टीबी के इलाज के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र सहित जिले के सभी अस्पतालों और प्राथमिक, सामुदायिक केन्द्रों पर आवश्यक चिकित्सकीय जांच कराने के बाद बेहतर इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। ब्रेन टीबी के मामले में टीबी मरीज को 12 महीनों तक लगातार दवाइयां दी जाती हैं ।