सुरक्षा एवं असर के आंकड़ों की कसौटी पर खरी उतरी है वैक्सीन, इसके बाद ही मिली है प्रयोग की अनुमति: स्वास्थ्य मंत्रालय

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वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क लगाना जरूरी

भागलपुर-

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में झिझक को काम करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आश्वस्त किया है कि वैक्सीन सुरक्षा एवं असर के तमाम आंकड़ों पर खरी उतरी है जिसके बाद ही सरकार द्वारा इसके प्रयोग की अनुमति प्रदान की गयी है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने वैक्सीन के सुरक्षित होने एवं इसकी प्रभावशीलता से सम्बंधित आंकड़ों की जांच के उत्कृष्ट नतीजों के आधार पर ही वैक्सीन को मंजूरी दी है उसके बाद ही विभाग द्वारा वैक्सीनेशन आरम्भ किया गया है। कोरोना की वैक्सीन लगवाना स्वैच्छिक है हालांकि स्वयं की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन की दो डोज आवश्यक है ।
ड्रग नियामक द्वारा कठिन जांच के बाद ही मिलता है वैक्सीन प्रयोग का लाइसेंस
आम लोगों पर किसी भी वैक्सीन के प्रयोग से पहले वैक्सीन कंपनी द्वारा किये गए समस्त परीक्षणों की जांच ड्रग नियामक द्वारा की जाती है जांच के परिणाम उत्साहवर्धक होने के पश्चात ही दवा कंपनी को वैक्सीन के प्रयोग का लाइसेंस प्रदान किया जाता है इसलिए सभी लाइसेंस प्राप्त कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावकारी है।
देश में शुरू की गई कोरोना वैक्सीन उतनी ही प्रभावी है जितनी अन्य देशों द्वारा विकसित वैक्सीन वैक्सीन का परीक्षण के विभिन्न चरणों से इसकी सुरक्षा और प्रभाव कार्य सुनिश्चित किया है , स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है ।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया है वैक्सीन की प्रभावशीलता और कोरोना के प्रति एंटीबाडी विकसित होने के लिए वैक्सीन के दो डोज लेना अति आवश्यक है। वैक्सीन का प्रथम डोज लेने के 4 हफ्ते या 28 दिन बाद ही इसका दूसरा डोज दिया जाएगा। आमतौर पर कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के 2 सप्ताह बाद कोरोना के प्रति एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो जाता है। इसलिए वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क लगाना, शारीरिक दूरी रखना एवं नियमित अंतराल के बाद हाथ धोना आवश्यक है।
सरकार ने इसके लिए सबसे पहले उच्च जोखिम वाले समूह को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए चयनित किया है। इसमें हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल है। वहीँ दूसरे समूह में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति तथा वह लोग जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित है को यह वैक्सीन उपलब्ध करायी जायेगी। इसके बाद अन्य सभी जरूरतमंद को भी वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी।
कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति को भी वैक्सीन लगवाना है आवश्यक
अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने के बाद सही हो चुका है इसके बाद भी उसको वैक्सीन की दोनों डोज लेना आवश्यक है क्योंकि वैक्सीन उसके शरीर में एक मजबूत प्रतिक्रिया तंत्र को विकसित करने में मदद करेगा। वहीँ संक्रमित व्यक्तियों को लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद तक वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए क्योंकि वह वैक्सीनेशन स्थल पर दूसरों में वायरस फैला सकता है।
अगर टीकाकरण के बाद कोई असुविधा या बेचैनी महसूस होती है तो निकटतम स्वास्थ्य अधिकारी एएनएम या मितानिन को सूचित करें । करोना अनुरूप व्यवहारों का पालन याद रखें जैसे कि मस्क पहनना, हाथ की सफाई और शारीरिक दूरी को बनाए रखना जो कम से कम 6 फीट या दो गज की हो, भी जरूरी है ।
जैसा अन्य वैक्सीन के साथ होता है कुछ व्यक्तियों में सामान्य प्रभाव हल्का बुखार हो सकता है राज्यों को कोरोना वैक्सीनेशन से संबंधित किसी भी दुष्प्रचार से निपटने के लिए कठोर व्यवस्था करना के लिए कहा गया है ।
कोई व्यक्ति कैंसर मधुमेह उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है या ऐसे एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्ति को उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जाता है । उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन कराने की आवश्यकता है । हेल्थ केयर प्रोवाइडर फ्रंटलाइन श्रमिकों के परिवारों को भी प्रारंभिक चरण में सीमित वैक्सीन की आपूर्ति के कारण इसे पहले प्राथमिकता वाले समूह मैं लोगों को प्रदान किया जाएगा ।