होली में घर आए प्रवासियों को परिवार नियोजन को लेकर जागरूक कर रही हैं आशा कार्यकर्ता

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परिवार नियोजन को लेकर अस्थाई संसाधन भी करा रही हैं उपलब्ध
शादी के बाद 2 साल तक बच्चा नहीं हो इसकी दे रही हैं सलाह

भागलपुर-

होली के मौके पर बड़ी संख्या में प्रवासी लोग घर आ रहे हैं. उन्हें कोरोना को लेकर जागरूक तो किया ही जा रहा है, साथ ही परिवार नियोजन को लेकर भी जानकारी दी जा रही है. आशा कार्यकर्ता प्रवासी लोगों के घर जाकर परिवार नियोजन के अस्थाई साधन भी उपलब्ध करा रही हैं. उन्हें कंडोम, टैबलेट इत्यादि मुहैया कराई जा रही है.
यह सही मौका होता है उन्हें किसी भी योजना के बारे में बताने के लिए-
आशा के जिला समन्वयक मो. जफरुल इस्लाम ने बताया कि त्यौहार के मौके पर बड़ी संख्या में बाहर में रहने वाले लोग घर आते हैं. यह सही मौका होता है उन्हें किसी भी योजना के बारे में बताने के लिए. अन्य दिनों में कुछ परिवार के पुरुष सदस्य घर से बाहर रहते हैं. इस वजह से उन्हें जानकारी नहीं मिल पाती है. पुरुष को भी जानकारी मिल जाएगी तो परिवार नियोजन को लेकर दोनों तरफ से जागरूकता बढ़ेगी.

बाहर से आने वाले को किया जा रहा चिह्नित : जिले की 2200 से अधिक आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में बाहर से आने वाले प्रवासियों को चिह्नित कर रही हैं. उनका नाम रजिस्टर में दर्ज कर सभी के घर पर बारी-बारी से जाकर उन्हें परिवार नियोजन के बारे में समझाया जा रहा है और सामग्री दी जा रही है.

20 साल से पहले बच्चा नहीं: घर घर जा रही आशा कार्यकर्ता लोगों को 20 साल से पहले पहला बच्चा पैदा नहीं करने की सलाह दे रही हैं. साथ ही शादी के 2 साल बाद ही बच्चा पैदा करने को कह रही हैं. 2 साल तक गर्भ नहीं ठहरे, इसे लेकर आशा कार्यकर्ता लोगों को उपाय भी बता रही हैं. प्रवासी लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि गर्भधारण के जो भी अस्थाई संसाधन हैं, उससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता है.

दो बच्चे के बीच 3 साल का अंतराल जरूरी: आशा कार्यकर्ता प्रवासियों को दो बच्चे के बीच 3 साल का अंतराल रखने की भी सलाह दे रही हैं. वह उन्हें समझा रही हैं कि अगर दो बच्चे के बीच 3 साल का अंतराल रहता है तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और वह भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है