एपीएचसी के डॉक्टर एपीएचसी में ही ड्यूटी करें- सिविल सर्जन

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-एपीएचसी के डॉक्टर को पीएचसी में ड्यूटी के लिए तैनात नहीं करें
-सिविल सर्जन ने सभी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा की समीक्षा की
भागलपुर, 30 अप्रैल।
सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं की सिविल सर्जन ने शनिवार को समीक्षा की। सदर अस्पताल में हुई समीक्षात्मक बैठक में सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा, डीपीएम फैजान आलम आशर्फी के अलावा सभी अस्पतालों के प्रभारी और केयर इंडिया, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पतालों को मरीजों के लिए सुविधायुक्त बनाएं। बेहतर व्यवस्था रहने पर ही मरीजों को बेहतर सेवा मिल सकेगी। जिसकी ड्यूटी जहां पर लगी हो, उसे वहीं पर लगाएं। एपीएचसी में जिस डॉक्टर की ड्यूटी लगी हो, उसे पीएचसी में नहीं लगाएं। इससे एपीएचसी की सेवा प्रभावित होगी। पीएचसी या अन्य अस्पतालों में डॉक्टर का रहना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी एपीएचसी में डॉक्टर का रहना है। वहां पर भी मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
फील्ड में काम करने वालों पर रखें निगरानीः बैठक के दौरान सिविल सर्जन ने सभी अस्पतालों के प्रभारियों से कहा कि फील्ड में काम करने वालों पर निगरानी रखें। समय-समय पर इस बात की जांच करें कि काम सही तरीके से हो रहा है या नहीं। अगर नहीं हो रहा हो तो उसे ठीक करें। सिविल सर्जन ने सभी प्रभारियों से कहा कि फील्ड में लगातार एएनएम को भेजें और जांच के काम में तेजी लाएं। इसे लेकर अगर कोई परेशानी हो तो बताएं। उसका समाधान किया जाएगा, लेकिन काम पर असर नहीं पड़ने दिया जाएगा। हर व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंचे, इसे लेकर लगातार प्रयास करते रहें।
कोरोना जांच और टीकाकरण तेज करने का निर्देशः बैठक के दौरान सिविल सर्जन ने कोरोना जांच को लेकर दिए गए लक्ष्य को हासिल करते रहने का निर्देश सभी प्रभारियों को दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना की चौथी लहर की संभावनाओं को देखते हुए अभी से एहतियात बरतें। किसी व्यक्ति पर जरा सा भी संदेह हो तो कोरोना जांच करें। साथ ही टीकाकरण के काम में तेजी लाएं। जिनलोगों ने टीका की पहली डोज लेकर दूसरी नहीं ली है, उसे चिह्नित कर दूसरी डोज दिलवाएं। साथ ही जिनका तीसरी डोज लेने का समय पूरा हो गया है, उनका भी टीकाकरण कराएं। दूसरी डोज को लेकर जिन प्रखंडों की स्थिति ठीक नहीं है, वे इस काम में लग जाएं। कोरोना टीकाकरण की वजह से ही तीसरी लहर प्रभावी नहीं रहा था। इसलिए एक-एक व्यक्ति का टीकाकरण सुनिश्चित कराएं, ताकि चौथी लहर भी अगर आए तो उसका कम-से-कम प्रभाव लोगों पर पड़े।