मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर की सही समय पर करें रिपोर्टिंग, तभी लगेगा लगाम

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-क्षेत्र में कारणों को जानने की करें कोशिश, उसका किया जाएगा समाधान
-मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर को लेकर प्रमंडल स्तरीय प्रशिक्षण का आगाज

भागलपुर, 14 मार्च-

मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण को लेकर मंगलवार को शहर के एक होटल में दो दिवसीय प्रमंडल स्तरीय प्रशिक्षण का आगाज हुआ। प्रशिक्षण में भागलपुर और बांका जिले के एसीएमओ, एमएनई, स्वास्थ्य प्रबंधक समेत तमाम स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हुए। प्रशिक्षण देने का काम केयर इंडिया की निलोफर बेगम, जय कृष्णा और सुनील गुप्ता ने किया। प्रशिक्षण के पहले दिन आरपीएम रूपनारायण शर्मा, रैम आरिफ हुसैन, आरएमईओ राहुल सिंह, डीएसी राजीव सिंह और जिला गुणवत्ता सलाहकार डॉ. प्रशांत कुमार ने भी महत्वपूर्ण सलाह दी।
आरपीएम रूपनारायण शर्मा ने कहा कि दो दिनों तक चलने वाले प्रशिक्षण के पहले दिन भागलपुर और बांका के स्वास्थ्य अधिकारियों को मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाने को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। मुझे उम्मीद है कि वे लोग इसका लाभ उठाएंगे और क्षेत्र में जाकर इस पर अमल करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि भागलपुर और बांका, दोनों ही जिलों में मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए इसकी समय पर रिपोर्टिंग बहुत जरूरी है। साथ ही क्षेत्र में जाकर इसके कारण की तलाश भी करना आवश्यक है। कारणों का पता चलने पर ही उसका समाधान किया जा सकता है। अगर कारणों का पता नहीं चलेगा तो फिर उसका समाधान कैसे होगा। इसलिए क्षेत्र में जाकर कारणों की तलाश करने की सलाह दी गई। पोर्टल पर समय से इंट्री करने के लिए भी सभी लोगों को कहा गया।
परिवार नियोजन के बारे में भी दी गई जानकारीः आरपीएम ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान परिवार नियोजन के लेकर भी बात की गई। छोटा और सुखी परिवार के साथ बच्चे दो ही अच्छे के बारे में भी जानकारी दी गई। भागलपुर और बांका के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बताया गया कि मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर के साथ क्षेत्र में परिवार नियोजन के बारे में भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर के साथ-साथ परिवार नियोजन के बारे में भी लोगों में जागरूकता जरूरी है। इससे क्षेत्र के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी जिसका लोगों को फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा परिवार नियोजन में अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल को लेकर लोगों को जागरूक करने की भी बात कही गई। इसका फायदा क्षेत्र के लोगों को मिलेगा।