बरसात के मौसम में घेरलु उपाय कर खुद का करें बचाव

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बारिश के मौसम में फ्लू का खतरा रहता है ज्यादा

थोड़ी सी सावधानी बरतकर खुद का कर सकते हैं बचाव

बांका, 31 जुलाई

बारिश के मौसम में फ्लू के मामले बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है। कोरोना काल में फ्लू से बचकर रहना ही बेहतर है। ऐसे मौसम में घेरलु उपचार भी बहुत कारगर है। वायरल और फ्लू से बचने के कई देसी उपाय हैं, जिसे अपनाकर हम सुरक्षित रह सकते हैं।

बांका अरबन पीएचसी के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि बारिश के मौसम में सावधान नहीं रहने से कई तरह की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इस मौसम में अनावश्यक भीगने से बचें। साथ ही घरेलु नुस्खे को अपनाने से भी कई बीमारियों से बचा जा सकता है।  रोज सुबह-सुबह काढ़ा का सेवन करें। साथ ही रात में सोते वक्त दूध में हल्दी डालकर पीएं। गर्म भोजन करें। इससे कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे।

गुनगुने पानी का सेवन करें:

बारिश में प्यास कम लगती है और इसके चलते लोग पानी के बजाय चाय-कॉफी ज्यादा पीने लगते हैं। इससे नुकसान होता है। शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। आप जो पानी पी रहे हैं, वह साफ हो इस बात का विशेष ख्याल रखें। मौसमी बीमारियों या फ्लू से बचने के लिए दिन में कई बार गुनगुने पानी का ही सेवन करना चाहिए। इससे इससे गले में मौजूद बैक्टीरिया या वायरस के खत्म हो जाती है। इसका सेवन करने से फ्लू और वायरल से बच सकते हैं।

घर में बना आयुर्वेदिक काढ़ा जरूर पीएं:_

आयुर्वेदिक काढ़ा कई तरह की औषधियों को मिलाकर बनाया जाता है। यह शरीर के इम्युन सिस्टम को मजबूत करता है। शरीर किसी भी तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार रहता है। इसलिए अजवाइऩ, पुदीना, अदरक, काली मिर्च से तैयार किया गया काढ़ा जरूर पीएं। यदि आप घर पर काढ़ा तैयार नहीं कर सकते तो इन दिनों बाजार में भी तैयार काढ़ा मसाला पैकेट मिलने लगे हैं, जिन्हें गर्म करके पीया जा सकता है।

रात में सोते समय हल्दी वाला दूध पीए:

हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मौसमी बीमारियों से बचने के लिए रात में सोते समय हल्दी का दूध जरूर पीएं। बच्चों को तो खासकर यह काढ़ा पिलाएं। मौसमी बीमारियों का प्रकोप बच्चों पर ज्यादा होता है। उनका इम्युन सिस्टम बड़ों की तुलना में ज्यादा कमजोर होता है। इसलिए बड़ों के साथ बच्चों को भी जरूर काढ़ा पिलाएं।