-अब प्रतिदिन 1000 से 1200 लोगों की हो रही जांच
-हर पीएचसी में एक सौ लोगों की एंटीजन कीट से हो रही जांच
बांका, 3 अगस्त:
कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने की तैयारी में पूरी मुस्तैदी से जुट गया है. सोमवार से जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रतिदिन 100 लोगों की एंटीजन किट से जांच हो रही है. जिले में प्रतिदिन 1000 से 1200 लोगों की जांच की तैयारी है. डीपीएम प्रभात कुमार राजू ने बताया कि कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जांच बढ़ाई जा रही है. जांच अधिक होने से संक्रमित लोगों का पता चल पाएगा और उससे फिर लोग दूरी बनाकर रहेंगे. इससे कोरोना की चैन टूटेगी. वहीं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि रविवार तक हम लोग प्रतिदिन 70 लोगों की जांच कर रहे थे, लेकिन सोमवार से 100 लोगों का सैंपल लेने का निर्देश मिला है. उन्होंने बताया सभी सैंपल की जांच एंटीजन किट से हो रही है. इससे जांच का यह फायदा है कि रिपोर्ट आधे घंटे के अंदर आ जाती है जो निगेटिव होता है, वह मानसिक तौर पर फ्री हो जाता है जबकि जो पॉजिटिव रहता है उसका इलाज शुरू हो जाता है. इससे कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा कम हो जाता है.
रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड केयर सेंटर में किया जा रहा है भर्ती:
जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल और अनुमंडल अस्पताल व सदर अस्पताल में कोरोना सैंपल की जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर संबंधित व्यक्ति को कोविड केयर सेंटर भर्ती किया जाता है. अगर उस व्यक्ति के पास घर में होम आइसोलेशन की सुविधा है तो उसे घर में रहने की इजाजत दी जाती है. लेकिन इस दौरान उसे होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है. वहीं गंभीर मरीजों को सदर अस्पताल स्थित आईसीयू में भर्ती किया जाता है.
होम आइसोलेशन में जाने वाले को दिया जाता है किट:
जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज को होम आइसोलेशन भेजते वक्त स्वास्थ्य विभाग का किट उपलब्ध कराया जाता है. किट में दवा दी जाती है, जिसका सेवन मरीज को घर में रहते हुए करना होता है. साथ ही होम आइसोलेशन में बरती जाने वाली सावधानी से भी मरीज को आगाह किया जाता है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर मरीज को डॉक्टर से संपर्क करने के लिए कहा जाता है.
जांच बढ़ने से कोरोना के संक्रमण को रोकने में मिलेगी मदद:
डीपीएम प्रभात कुमार राजू ने बताया जिले में कोरोना की जांच बढ़ने से इसके संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी. जांच के बाद लोगों को पता चल जाएगा कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं. संक्रमितों की पहचान होने से लोग उससे दूरी बनाकर अपना बचाव कर सकेंगे. वहीं चिह्नित मरीज भी होम आइसोलेशन में रहकर खुद को स्वस्थ कर पाएंगे. मरीज के गंभीर होने पर उसे कोविड केयर सेंटर या फिर सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया जाएगा.
सरकारी गाइडलाइन का किया जाएगा पालन:
जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना मरीजों की जांच के दौरान सरकारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. स्वास्थ्यकर्मी मास्क और ग्लब्स के साथ पीपीई कीट पहनकर ही मरीजों की जांच करेंगे. इस दौरान हर दो मीटर की दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया गया है. इसे लेकर पूरी व्यवस्था की गई है. इलाज के दौरान मरीज तो सामाजिक दूरी का पालन कर ही रहे हैं. साथ में स्वास्थ्य कर्मी भी इसका ध्यान रख रहे हैं.