गाइडलाइन का पालन नहीं करने से दोबारा हो सकते हैं संक्रमित
पिछले दिनों कई ऐसे मामले आ चुके हैं सामने, रहें सतर्क
बांका, 23 अक्टूबर।
कोरोना मरीजों को जब से होम आइसोलेशन में रहने की सुविधा मिली है, तब से देखा जा रहा है अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में रहना ही पसंद कर रहे हैं। होम आइसोलेशन में रहना कोई गलत नहीं है, लेकिन इस दौरान कोरोना की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। ऐसा देखा जा रहा है कि बहुत लोग होम आइसोलेशन में रहते वक्त गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। 10 दिन के बाद अपने आप खुद को फिट घोषित कर दे रहे हैं। इससे उनमें दोबारा कोरोना के लक्षण हो सकते हैं।
होम आइसोलेशन में सतर्क रहना जरूरी
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि कोरोना के मरीजों को होम आइसोलेशन में 10 दिनों के लिए भेजा जाता है। उसके बाद भी मरीजों को काफी सतर्क रहना पड़ता है। लेकिन देखा जा रहा है कि 10 दिन पूरा होने के बाद मरीज खुद को स्वस्थ मान लेते और परहेज बंद कर देते हैं। यह ठीक नहीं है। हाल के दिनों में ऐसा करने वाले कई मरीज दोबारा आए, जिनमें कोरोना के लक्षण पाए गए।
दोबारा जांच जरूर कराएं:
डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में 10 दिन पूरा कर लेने के बाद खुद से ही अपने आप को स्वस्थ मान लेते और दोबारा जांच नहीं कराते हैं। ऐसा नहीं करें यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। 10 दिन बाद कोरोना जांच जरूर कराएं। जांच में अगर निगेटिव पाए गए तभी खुद को स्वस्थ समझें। इसके बाद भी पूरी तरह से सतर्कता बरतें।
घर में व्यवस्था हो तभी आइसोलेशन में जाएं:
डॉ. चौधरी कहते हैं कि ऐसा देखा जा रहा है कि बहुत सारे ऐसे मरीज भी हैं जिनके घर में अलग से बाथरूम की व्यवस्था नहीं है। फिर भी वह हम आइसोलेशन में चले जा रहे हैं। ऐसा करने से बचें। अगर आपके घर में अलग रहने के लिए व्यवस्था नहीं है तो कोविड केयर सेंटर में भर्ती हो जाएं। वहां पर आपके लिए तमाम तरह की सुविधाएं हैं। साथ में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी है जो आप पर निगरानी रखेगी।
परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें:
डॉ चौधरी कहते हैं कि हम आइसोलेशन में रहते हुए कोरोना मरीज को कोई परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर लें। खुद डॉक्टर बनने की कोशिश ना करें। आपके डॉक्टर जो आपको सलाह दें उसका पालन करें।
: कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें .
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें .
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें