गर्भावस्था से लेकर प्रसव के बाद होने वाली परेशानियां से अवगत हुईं एएनएम

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-सदर अस्पताल में चार दिवसीय अमानत प्रशिक्षण का समापन
-प्रशिक्षण लेने वाली एएनएम अपने- अपने क्षेत्र में इस पर करेंगी अमल

भागलपुर-

सदर अस्पताल में चल रहे चार दिवसीय अमानत प्रशिक्षण का गुरुवार को समापन हो गया.| चार दिनों तक एएनएम को केयर इंडिया के मेंटर ने सुरक्षित प्रसव के तरीके, नवजात शिशु को पुनर्जीवन, गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल और प्रसव के बाद होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के तरीके बताए.|

160/110 से अधिक हो बीपी तो हो जाएं सावधान: प्रशिक्षण के अंतिम दिन एएनएम को बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान कभी-कभी महिलाओं को चमकी की समस्या आने लगती है|. इसकी पहचान कैसे की जाए और इससे कैसे निजात मिले.| केयर इंडिया के मेंटर ने बताया कि सिर में दर्द होना, धुंधला दिखाई देना या फिर सूजन आने लगे तो इससे चमकी आने के संकेत मिलने लगते हैं.| साथ ही बीपी 160/ 110 से अधिक होने पर भी ऐसी समस्या आती है.| एमएम को ऐसी परिस्थिति से निपटने के तरीके बताए गए.|

प्रसव के बाद 6 सप्ताह तक रहें सावधान: केयर इंडिया के मेंटर ने बताया कि प्रसव के बाद 6 सप्ताह तक किस तरीके से निगरानी करनी है प्रसव का खतरा रहता है. इसे लेकर एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया| कि 6 सप्ताह तक किस तरीके से निगरानी करनी है, जिससे कि रक्तस्राव नहीं हो|. खासकर प्रसव के बाद महिलाओं की देखभाल किस तरीके से करनी है, यह बताया गया|.

स्वस्थ बच्चे का कैसे होता है जन्म, एएनएम को दी जानकारी: इससे पहले सोमवार और मंगलवार को एएनएम को बताया गया कि सामान्य प्रसव से स्वस्थ बच्चे का कैसे जन्म होता है और प्रसव के बाद चिंतित मां की सम्मानपूर्वक तरीके से देखभाल कैसे की जाती है बताए गए.| प्रशिक्षण के पहले दिन एएनएम को नवजात शिशु के की पुनर्जीवन की प्रक्रिया जन्म के 15 मिनट बाद कैसे की जाती है, इसे भी बताया गया.| मंगलवार को प्रशिक्षण के दूसरे दिन इसे करके दिखाया गया, ताकि प्रशिक्षण लेने वाली एएनएम अपने-अपने क्षेत्र में इस पर ठीक तरीके से अमल कर सकें.|

गर्भावस्था के दौरान आने वाली समस्याओं से कराया गया अवगत: एएनएम को प्रशिक्षण दे रही केयर इंडिया की मेंटर वीणा मलिक, जैनब कमाल और पूनम कुमारी ने बताया कि मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य अमानत प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है.| चार दिनों तक हम लोगों ने एएनएम को गर्भावस्था से लेकर प्रसव के बाद तक किन-किन बातों का ख्याल रखा जाता है, कौन-कौन सी समस्याएं आती हैं और उससे निपटने के तरीके बताए.|अब ये लोग अपने- अपने क्षेत्र में जाकर इस पर अमल करेंगे|. साथ ही अपनी सहयोगी को इस बारे में बताएंगी.|

मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है मकसद: मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से अमानत प्रशिक्षण की शुरुआत की गई थी.| अब इसका असर जिले में दिख रहा है.| प्रशिक्षण जब से शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में काफी कमी देखने में आ रही आई है|. अमानत प्रशिक्षण के जरिए केयर इंडिया की के मेंटर हर महीने एएनएम और जीएनएम को किसी एक चीज की जानकारी देती हैं जिसे वह अपने क्षेत्र में जाकर बाकी एएनएम और जीएनएम को बताती हैं.| इसे एक महीने तक फॉलो किया जाता है|. फिर दूसरे महीने किसी दूसरी चीज की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान एक सप्ताह तक दी जाती है.|

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें