अभिनय के क्षेत्र में अभिषेक अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। मासूमियत से लवरेज भाव भंगिमा में छोटे संवाद से ही अपनी फिल्मों में छाप छोड़ा है। वह किसी को संवेदित करती है। कहते हैं कला सीखने से कम और कुदरती नेमत के तौर पर ज्यादा मिलती है, वहीं कहावत अभिषेक के साथ है। उन्होंने अभिनय पहले रंगमंच पर आरंभ किया और प्रशिक्षण के बाद लघु फिल्म उसके बाद फिल्म की ओर झुकाव। उनकी पहली फिल्म विकी डोनर में ही काफी सराहना मिली। दरअसल अब तक जो फिल्में इन्होंने की है वह सामाजिक संदेश देने वाली रही है। इसके अलावा इन्होंने कई नाटक व लघु फिल्म के रूप में अपनी प्रतिभा सामने लाई है। उम्मीद जगाई है कि अभिनय के क्षेत्र में एक नया सितारा चमकने के लिए बेताव है।
अभिषेक बचपन से ही अभिनय में रूचि लेते रहे हैं। टीवी पर वह विभिन्न कार्यक्रमों में अभिनय कर कलाकरों की नकल खासकर अपने आदर्श अमिताभ की नकल करते थे। उसकी इस दिशा में लगातार बढ़ती रूचि को देखते हुए इसे अभिनय के क्षेत्र में हाथ आजमाने के लिए परिवार का पूरा साथ मिला। अभिषेक जयपुर में रवींद्र मंच में रंगकर्मी के रूप में अपना योगदान देने की शुरुआत की। इसी समय चलो दिल्ली जिसमें लारा दत्ता और विनय पाठक में मंचन किया। इसके बाद कॉलेज खत्म होते ही दिल्ली चले आए और मास कॉम में कोर्स करते वक्त ही विक्की डॉनर जिसमें आयुष्मान खुराना, अन्नू कपूर और यामीन गौतम थे रोल मिला। इस फिल्म में अभिषेक ने अपने आप को साबित किया। उसके बाद रनिंग शादी और जिया जैसी मूवी काम करने का मौका मिला है। गौरतलब है कि जिया रिलीज होने को तैयार है। इनके पसंदीदा अभिनेता अमिताभ बच्चन हैं। जिन्हें देखकर ही अभिनय को सीखा है। अभिषेक ने जो छोटी मूवी की है वह है जीने के इशारे जिसे दादा साहेब फाल्के अवार्ड में नोमीनेशन भी किया गया है। अभिषेक को जिनसे लगातार सहयोग मिला वे नाम हैं आदित्य गोयल, पीयूष पांडे, अभिलाष चंद्रन, गीता दास, लोकेश वर्मा, श्रष्ठी कुमार, सचिन पपनेजा।