गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच को बढ़ावा देने एवं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी को ट्रैक करने को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का विस्तार

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– अभियान के तहत हाई रिस्क प्रेग्नेंसी श्रेणी की गर्भवती महिलाओं की करायी जाएगी तीन अतिरिक्त प्रसव पूर्व जांच
– प्रसव के 45 दिन बाद गृह भ्रमण कर जच्चा-बच्चा के स्वस्थ्य होने की सूचना देने वाली आशा कार्यकर्ता को मिलेगी 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि
मुंगेर, 10 फरवरी-
प्रसव के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु को रोकने के लिए और गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) को बढ़ावा देने एवं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी ( एचआरपी) को ट्रैक करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का विस्तार 9 फरवरी  से आगे किया गया है। इसके अंतर्गत हाई रिस्क प्रेग्नेंसी  श्रेणी में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं की तीन अतिरिक्त प्रसव पूर्व जांच करायी जानी है। इसके लिए आने-जाने वाली गर्भवती महिलाओं और संबंधित आशा कार्यकर्ता को 100प्रति विजिट की दर से 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस दौरान सुरक्षित प्रसव की पूरी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता, एएनएम, संबंधित पीएचसी और सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की होगी।
मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने बताया कि इससे संबंधित राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार  के द्वारा एक पत्र प्राप्त हुआ है। जिसके अनुसार 9 फरवरी से आगे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को विस्तारित किया किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत सुरक्षित संस्थागत प्रसव के 45 वें दिन आशा कार्यकर्ता के द्वारा गृह भ्रमण कर जच्चा-बच्चा के स्वस्थ्य होने की सूचना एएनएम के माध्यम से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को देना है। इसके लिए प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के परिदृश्य को देखते हुए पहले की भांति ही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान  का आयोजन किया जाना है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रसव पूर्व जांच के दौरान जटिल प्रसव एचआरपी वाली महिलाओं की ट्रैकिंग की जानी है। ताकि मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।