– सदर प्रखंड के शासन गांव में चलेगा अभियान
– आशा कार्यकर्ता घर- घर जाकर करेंगी सर्वे
बांका, 24 अगस्त
कोविड-19 के साथ-साथ कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. वैसे तो बांका जिला कालाजार मुक्त है, लेकिन सदर प्रखंड के शासन गांव में कुछ लोगों में कालाजार के लक्षण होने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली है. इसे लेकर विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके तहत 25 अगस्त से आशा कार्यकर्ता गांव के घर-घर में जाकर लोगों का स्वास्थ्य सर्वे कार्य करेंगी. साथ ही इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी गांव में नली, नालों व घरों की दीवार पर सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव भी करेंगे.
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि प्रभावित प्रखंड के गांव में एक सप्ताह तक अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के दौरान गांव के हर एक घरों में छिड़काव भी किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें. सोते समय मच्छरदानी लगाएं. साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनाने व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाने के लिए भी कहा है. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने के लिए कहा है.
केयर की टीम कर रही सहयोग: केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने कहा कि बांका जिले में कालाजार के मामले बहुत ही कम मिले हैं. जिला को लगभग कालाजार मुक्त घोषित किया गया था, लेकिन अभी सदर प्रखंड के शासन गांव में कुछ लोगों में संक्रमण की सूचना मिली है, इसे लेकर हमलोगों ने यह तैयारी की है. जिसके लिए प्रभावित प्रखंड के गांव में अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी घर घर जाकर लोगों में की स्वास्थ्य जांच करेंगे. अगर किसी को बुखार या अन्य बीमारी है तो उसे सूची बद्ध किया जाएगा तथा आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
कालाजार की ऐसे करें पहचान: कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार, और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख का झड़ते हैं. कालाजार के लक्षणों के दिखने पर रोगी को तुरंत किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए