-12 महीने से कम उम्र के बच्चों का निमोनिया से बचाव करें
-घर के 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का भी रखें ख्याल
भागलपुर, 17 नवंबर।
मौसम में बदलाव हो रहा है। ठंड के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड व वायु प्रदूषण के बढ़ने से बुजुर्गों और नवजात बच्चों को निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में नवजात बच्चों व बुजुर्गों को अधिक सजग रहने की जरूरत है। खासकर 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को। अगर बच्चे व बुजुर्ग में निमोनिया के लक्षण दिखे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
हर रोज दो से तीन मामले निमोनिया के:
मायागंज अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके सिन्हा ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में हर रोज दो से तीन मामले निमोनिया के आ रहे हैं। जिले में होने वाली कुल मौतों मे से करीब 19 प्रतिशत बच्चों की मौत का कारण निमोनिया होता है। चूंकि यह समय कोरोना संक्रमण का है, ऐसे में एलर्जी वाले बच्चों में कोरोना संक्रमण की संभावना ज्यादा है।
मस्तिष्क और हृदय को पहुंचाता है नुकसान:
वरीय फिजिशियन डॉ. राजकमल चौधरी ने बताया कि 65 साल से अधिक के बुजुर्ग, मधुमेह, कैंसर या फेफड़े को प्रभावित करने वाली बीमारी, किडनी, लिवर के बीमार, धूम्रपान करने वाले और उम्रदराज लोगों में भी निमोनिया की संभावना ज्यादा है। निमोनिया के जीवाणु मस्तिष्क और ह्रदय को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी के चारों तरफ की परत में सूजन (मेनिनजाइटिस) हो सकती है।
ये हैं निमोनिया के लक्षण:
– अचानक तेज बुखार के साथ छाती में दर्द, पसीना और अधिक पेशाब आना
-सिरदर्द, प्यास अधिक लगना, चेहरा व आंख का लाल होना
-सूखी खांसी , सांस लेने की गति बढ़ जाना, पीठ के बल लेटने में परेशानी होना
-फेफड़े में सूजन , नाड़ी की गति बढ़ना, बलगम के साथ खून आना, भूख लगना
बच्चों एवं बुजुर्गों को लगवायें निमोनिया का टीका:
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके सिन्हा बताते हैं कि निमोनिया होने की शुरुआत में एंटीबॉयोटिक दवा दी जाती है। निमोनिया से बचाव महत्वपूर्ण है, इसलिए बच्चों व 65 साल से अधिक उम्र वालों को निमोनिया का टीका लगा लें। इसके अलावा पर्याप्त नींद लें। नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ आहार लें। घर से बाहर निकलने पर मास्क से मुंह एवं नाक को अच्छी तरह से ढककर वायरस एवं बैक्टीरिया से जुड़ी बीमारियों जैसे कोरोना, टीबी एवं निमोनिया ही नहीं बल्कि एलर्जी, अस्थमा और वायु प्रदूषण जनित तमाम बीमारियों से भी सुरक्षित रहा जा सकता है।
कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें .
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेकें .
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें