बाबरी विध्वंस की 26 वीं बरसी पर अध्योध्या में सुरक्षा के कड़ी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा बैरियर लगाकर हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है। संदिग्ध लगनेवाले व्यक्ति को रोककर उसकी तलाशी ली जा रही है। धार्मिक नगरी अयोध्या पूरे कड़ी सुरक्षा घेरे में जकड़ी रहेगी।
काला दिवस शौर्य दिवस साथ साथ
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी परंपरागत रुप से कारसेवक पुरम परिसर में विवादित ढांचे की बरसी को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा। वहीं मुस्लिम समुदाय विवादित ढांचे के ध्वंस की बरसी पर यौमे गम और काला दिवस के रूप में मनाएंगे।
विवादित ढांचे की बरसी को लेकर अयोध्या में सुरक्षा के लिहाज से छह कंपनी पीएसी, दो कंपनी आरएफ, चार एडिशनल एसपी, 10 डीएसपी, 10 इंस्पेक्टर, 150 सब इंस्पेक्टर व 500 सिपाहियों को सुरक्षा में लगा दिया गया है। यही नहीं सुरक्षा के लिहाज से घर की छतों पर भी सुरक्षा बल मुस्तैद रहेंगे। किसी भी गैर परंपरागत कार्यक्रम के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
6 दिसंबर को 1992
भारत के इतिहास में 6 दिसंबर को 1992 का दिन ऐसे काले अक्षरों में दर्ज है कि जिसका रंग समय बीतने के साथ-साथ और भी स्याह हो रहा है। आज के ही दिन 26 साल पहले लाखों कारसेवकों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को ढहा दिया था। ‘एक धक्का और दो, बाबरी तोड़ दो’… ऐसे नारों की गूंज से अयोध्या का आसमान भी थर्राने लगा था। अभी बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित परिसर में मौजूद ढांचे को गिरा दिया था, जिसके बाद हर वर्ष दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से इस दिन को मनाते आ रहे हैं। अयोध्या में शांति व्यवस्था को लेकर कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसे दृष्टिगत रखते हुए हर वर्ष सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। उसी कड़ी में इस वर्ष भी अयोध्या में सुरक्षा के बेहद सख्त इंतजाम किए गए। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी परंपरागत रुप से कारसेवक पुरम परिसर में विवादित ढांचे की बरसी को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
इस वर्ष भी परंपरागत आयोजन के तहत कारसेवक पुरम प्रांगण में शौर्य दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष व मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज करेंगे। इसके अलावा अयोध्या के शीर्ष संत और विहिप व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शरीक होंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से एक बार फिर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया जाएगा। आयोजनों की कड़ी में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुस्लिम समुदाय विवादित ढांचे के ढांचे के ध्वंस की बरसी पर यौमे गम और काला दिवस के रूप में मनाएंगे। बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी के आवास पर मुस्लिम समुदाय के लोग जुटेंगे।
अयोध्या में होने वाले इन दो परंपरागत आयोजनों के अलावा जिला प्रशासन ने किसी भी अन्य आयोजन को अनुमति नहीं दी है। जिले में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण अगर कोई व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।