आयुर्वेद दिवस: 100 देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा।

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BI News, India: हर साल धन्वंतरि जयंती के अवसर पर ‘आयुर्वेद दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष 11 नवंबर को आयुर्वेद दिवस दुनिया भर के लगभग 100 देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा। ‘वन हेल्‍थ के लिए आयुर्वेद’ की थीम पर ‘आयुर्वेद दिवस’ का मनाया जाना एक वैश्विक कार्यक्रम होगा और इसे सफल बनाने के लिए आयुष मंत्रालय को देश के सभी मंत्रालयों का सहयोग मिलेगा। आयुष मंत्रालय ने ‘आयुर्वेद दिवस’ के सफल आयोजन के लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ एक बैठक की। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आयुर्वेद दिवस को पीएम मोदी के विजन के अनुरूप देश के सभी मंत्रालयों के परस्‍पर सहयोग और सहायता से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जाना चाहिए।

2016 से मनाया जा रहा है आयुर्वेद दिवस

भारत के बाद अब पूरी दुनिया ने आयुर्वेद की ताकत को माना है। ऐसे में आयुर्वेदो पर हो रहे अनुसंधान मौजूदा दौर में इसकी बढ़ती उपयोगिता पर मुहर लगा रहे हैं। आयुर्वेद जीवन का विज्ञान है जो प्रकृति के साथ और प्रकृति के करीब रह कर जीवन जीना सिखाता है। आयुर्वेद स्वस्थ्य जीवन का आधार है। 2016 से प्रति वर्ष धनवंतरी दिवस के दिन आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है।

आयुर्वेद दिवस’ को एक वैश्विक उत्सव बनाना

बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि अधिकारियों ने ‘आयुर्वेद दिवस’ को बेहद सफल बनाने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ अपने विचार साझा किए। मुख्य रूप से गृह, संस्कृति, विदेश, जनजातीय, जल संसाधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सीएसआईआर आदि मंत्रालयों और विभागों ने अपने विचार साझा किए और कहा कि हमें डिजिटल प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करके और विभिन्न सहभागितापूर्ण गतिविधियों को संगठित कर ‘आयुर्वेद दिवस’ को एक वैश्विक उत्सव बनाना चाहिए। ‘आयुर्वेद दिवस’ को सफल बनाने के लिए सभी मंत्रालयों ने आयुष मंत्रालय के साथ अपनी-अपनी भागीदारी के बारे में चर्चा की।

आयुर्वेद सभी के लिए उपयोगी

आयुष सचिव ने कहा कि हमें ‘प्रतिदिन सभी के लिए आयुर्वेद’ के संदेश के साथ आयुर्वेद दिवस के तीन मुख्य बिंदुओं ‘छात्रों के लिए आयुर्वेद, किसानों के लिए आयुर्वेद, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद’ पर ध्यान केंद्रित करना होगा। आयुर्वेद दिवस का उद्देश्य आयुर्वेद का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार और प्रसार करना तथा मानव जाति, पशुओं, पौधों और पर्यावरण के कल्याण के लिए इसे वैश्विक परिदृश्य में स्थापित करना है।