कटोरिया रेफरल अस्पताल में परिवार नियोजन के लिए की गई है बेहतर व्यवस्था

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• अब तक सात महिलाओं की हुयी सफल नसबंदी
• जनसँख्या स्थिरता पखवाड़ा में परिवार नियोजन पर दिया जा रहा ध्यान
• एक पुरुष का भी अस्पताल में किया गया है नसबंदी
बांका-:
कोरोना के बीच अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है. कटोरिया रेफरल अस्पताल में ओपीडी सेवा का संचालन बेहतर तरीके से चल रहा है. अस्पताल की बेहतर व्यवस्था को देखकर काफी संख्या में मरीज इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में में अस्पताल में 7 महिलाओं ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी भी करायी है. एक पुरुष ने भी अपनी नसबंदी कटोरिया रेफरल अस्पताल में करायी. इलाके में परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति देने के लिए अस्पताल में तैनात डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम लगातार प्रयास कर रही है.
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत परिवार नियोजन पर बल:
अस्पताल प्रभारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कोरोना को लेकर कुछ दिनों के लिए स्वास्थ्य सेवा रोक दी गई थी,लेकिन निर्देश मिलने के बाद से ओपीडी सेवा को फिर से बहाल कर दी गयी है. अभी जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चल रहा है, जो 11 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा.  इसलिए अभी परिवार नियोजन कार्यक्रम पर जोर दिया जा रहा है. वहीं ओपीडी में सभी तरह के मरीजों का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों की टीम मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं. साथ ही अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी उनकी हर तरह से देखभाल कर रहे हैं.
गर्भवती महिलाओं व शिशुओं को लेकर बरती जा रही सतर्कता:
डॉ. विनोद कुमार ने बताया अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं के इलाज को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. उनके इलाज को लेकर सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. अस्पताल की नर्स व एएनएम पूरी तरह से सुरक्षित होकर गर्भवती महिलाओं की जांच करते हैं. डॉक्टर भी सावधानीपूर्वक इनका इलाज करते हैं.
सामाजिक दूरी का रखा जा रहा ख्याल:
अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों से सामाजिक दूरी का पालन करवाया जा रहा है. दो लोगों के बीच दो मीटर की दूरी हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है. बाहर से आने वाले मरीजों को देखने से पहले विशेष सतर्कता बरती जा रही है. यहां आने वाले मरीजों को मास्क और सेनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पूरी तरह मास्क और ग्लब्स पहनकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
सभी लोगों की हो रही थर्मल स्कैनिंग:
अस्पताल में आने वाले सभी व्यक्ति, चाहे मरीज हो या फिर उसके परिजन उसकी थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. शरीर के तापमान को नापने के बाद  ही इलाज किया जा रहा है. इस दौरान अगर कोई संदिग्ध मरीज दिखता है तो उसे सैंपलिंग के लिए भेज दिया जाता है. स्वास्थ्यकर्मी पूरी मुस्तैदी से अपने मोर्चे पर डटे हुए हैं