लखीसराय जिले के चार प्रखंडों में कालाजार उन्मूलन को लेकर चल रहा है अभियान

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कालाजार से बचाव के लिए हो रहा है सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव
जिले के सूर्यगढ़ा एवं पिपरिया प्रखंड में चल रहा है अभियान

लखीसराय-

जिले में कोरोना संकट गंभीर स्थिति से जिला स्वास्थ्य विभाग बहुत मुस्तैदी से लड़ रहा है । इसी क्रम में जिले में कालाजार की रोकथाम को लेकर छिड़काव का अभियान चलाया जा रहा है । इस अभियान की शुरुआत सूर्यगढ़ा एवं लखीसराय प्रखंड से की गई है | वर्तमान मे सूर्यगढ़ा प्रखंड के मुस्तफापुर गाँव के साथ पियारिया के रामचन्द्रपुर गाँव में छिड़काव किया जा रहा है । जिले के 8 सबसे अधिक कालाजार प्रभावित गांवों में कालाजार उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जाएगा| इनमें मसुदन ,मुस्तफापुर, माहा हैवतगंज, ओलीपुर रामचंदर्पूर ,रजोना गाँव के वार्ड न॰-1 ,एवं रेहूआ गांव आदि शामिल हैं| अभियान के लिए दो टीमें बनायी गयी हैं | हर टीम में छह स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं| ये स्वास्थ्यकर्मी गांवों में नली- नालों व घरों की दीवार पर सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव करेंगे|

माइक्रोप्लानिंग के तहत किया जा रहा छिड़काव

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है| प्रभावित गांवों में इस अभियान की शुरुआत हुई है। . इसी क्रम में माइक्रोप्लान के तहत पुन: इस अभियान की शुरुआत की गयी है| इस अभियान के दौरान गांव के हर एक घरों में छिड़काव किया जायेगा| अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी सभी घरों में जायेंगे| उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी के बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं करें| फिर भी यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालने और सोते समय मच्छरदानी लगा कर ही सोने की सलाह दी है| साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनाने व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाने के लिए भी कहा है| कालाजार को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आस-पास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने के लिए कहा गया है|

कालाजार की ऐसे करें पहचान

कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है| कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान जा सकती है| यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है| कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है| यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं| साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है| यदि इलाज में देरी होने से हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है| बाल व त्वचा की परत भी सूख के का झड़ते हैं| कालाजार के लक्षणों के दिखने पर रोगी को तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल या पीएचसी भेजा जाना चाहिए।

  •  इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर रहें 
  •  मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
  •  बिना मास्क पहनें घर से बाहर नहीं निकलें।
  •  ना भीड़ का हिस्सा बनें और ना ही दूसरों को बनने दें।
  •  गाइडलाइन का पालन कर प्रशासन का सहयोग करें।
  • लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।
  • बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।

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