बाहरी लोगों के संपर्क में आने से बच्चे को बचाएं
मास्क और ग्लब्स पहन कर ही बच्चे को गोद में उठाएं
भागलपुर, 28 सितंबर
कोरोना का खतरा बच्चों में आम लोगों के मुकाबले कम देखा जा रहा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि बच्चों को कोरोना नहीं होगा. इसलिए सावधानी बरतने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी का कहना है जिन बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हो गया है उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा कम है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बेपरवाह हो जाएं. डॉ. चौधरी ने बताया, कोरोना एक संक्रामक बीमारी है, इस वजह से हर वर्ग के लोगों को इसके प्रति सावधान रहना चाहिए. मास्क और ग्लव्स पहनते रहना चाहिए और शारीरिक दूरी का पालन करना चाहिए. सावधान रहने पर ही लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है. इसी तरीके से बच्चे को आप जितना सतर्क रखेंगे, वह कोरोना संक्रमण से उतना ही सुरक्षित रहेगा. लापरवाही बरतने पर कोई भी व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है. इसलिए बच्चे को भी उतना ही सावधानी से रखें, जितना कि आप सावधानी बरत रहे हैं.
टीकाकरण के लिए ले जाते वक्त रहें सावधान: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि बच्चे को जब टीका दिलवाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र या अस्पताल जा रहे हैं तो बच्चे को गोद में उठाने से पहले हाथ को साफ जरूर करें. आंगनबाड़ी केंद्र और अस्पताल में भी टीका लगाने वाली एएनएम और अन्य लोगों को मास्क और और ग्लब्स पहनने के लिए जरूर कहें. इससे कोरोना का संक्रमण कम होगा. सरकारी अस्पतालों या आंगनबाड़ी केंद्रों में मास्क और ग्लव्स का पर्याप्त स्टॉक है.
गोदी में उठाने से पहले हाथ को पूरी तरह से धो लें: डॉक्टर चौधरी बताते हैं कि बच्चे को गोदी में उठाने से पहले हाथ की सफाई ठीक तरीके से कर लें. अगर आपके हाथ में संक्रमण रहेगा तो उससे बच्चे भी चपेट में आ सकते हैं. इसलिए बच्चे को गोदी में उठाने से पहले हाथ हाथ जरूर धो लें. साफ सफाई से ही हम कोरोना को हरा सकते हैं.
बाहरी लोगों के संपर्क से बच्चे को बचाएं: ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ लोग यह मान बैठे हैं कि बच्चों को कोरोना से कम खतरा है. इस वजह से वह बच्चे के प्रति थोड़ा लापरवाह हो जा रहे हैं. हर आने-जाने वाले किसी भी व्यक्ति को वह बच्चे को गोदी में उठाने या खिलाने दे रहे हैं. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने दें. डॉक्टर चौधरी बताते हैं कि इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपके घर कोई कोरोना पीड़ित तो नहीं आ रहा. कोई अगर कोरोना पीड़ित नहीं भी है तो उसे बच्चे को गोद में नहीं लेने दे. अगर ले भी रहा है तो उसके पहले उसे हाथ धोने कहें. यह भी सुनिश्चित करें कि वह मास्क और ग्लव्स पहना हो.
बच्चे का कपड़ा बदलते रहें: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि अगर कोई बाहरी व्यक्ति आपके बच्चे को गोद में उठाया हो या फिर खिलाया हो, उसके जाने के बाद बच्चे का कपड़ा जरूर बदल दें. इससे यह होगा कि अगर उस व्यक्ति के जरिए बच्चे में किसी तरह का संक्रमण आया भी होगा तो उससे बच्चे प्रभावित नहीं होगा. वैसे भी बच्चे की साफ सफाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए. सफाई रहेगी तो कोरोना के साथ अन्य रोगों से भी बच्चे का बचाव होगा.
टीकाकरण से बढ़ती है बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि दरअसल बच्चों को कोरोना का कम खतरा होने की वजह यह होता है कि उसका टीकाकरण हाल में ही हुआ होता है. टीकाकरण से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस वजह से वह जल्दी कोरोना की चपेट में नहीं आता है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं उसकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और उसमें कोरोना होने का खतरा बच्चों के मुकाबले अधिक हो जाता है. यही कारण है कि बच्चों में कोरोना का खतरा आमलोगों के मुकाबले कम होता है. इसका यह मतलब नहीं है कि बच्चे को कोरोना नहीं होगा. इसलिए सावधानी जरूर रखिए.