भावी पीढ़ी को हाथीपांव से बचाव के लिए साफ-सफाई व फाइलेरिया की दवा खाने को प्रेरित कर रही हैं रानी जायसवाल

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– परबत्ता प्रखंड के रुपौली नौरंगा पंचायत में साईं राम पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की संस्थापक सदस्य हैं रानी
– 30 नवंबर 2022 में 7 फाइलेरिया रोगियों के साथ हुई थी साई राम पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की स्थापना

खगड़िया-

हमारी आने वाली पीढ़ी हाथीपांव (फाइलेरिया) से ना हो ग्रसित इसलिए घर- घर जाकर लोगों को साफ- सफाई के साथ फाइलेरिया की दवा खाने के लिए प्रेरित कर रही हूं । उक्त बात परबत्ता प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रुपौली नौरंगा पंचायत में साईं राम पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की संस्थापक सदस्य रानी जायसवाल ने कही। उन्होंने बताया कि मैं एक कुशल गृहणी हूं। मैंने मैट्रिक तक की पढ़ाई – लिखाई की है। मेरे परिवार में पति अजय चौधरी, सास- ससुर के अलावा कुल चार बच्चे हैं। मेरे पति के रोजगार का कोई खास साधन नहीं है। मैं और मेरे पति दोनों मिलकर घर पर ही एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। हमलोगों को परिवार चलाने के लिए आर्थिक स्तर पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके साईं राम पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के माध्यम से फाइलेरिया के रोगियों सहित अन्य लोगों को अपने स्तर से हर संभव मदद करने के लिए मुझे मेरे परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है। मैं साई पेशेंट सपोर्ट के ग्रुप के सदस्यों के साथ घर- घर जाकर फाइलेरिया के रोगियों को साफ- सफाई, नियमित व्यायाम और योगाभ्यास के साथ- साथ फाइलेरिया की दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित कर रही हूं। इसके अलावा आम लोग को भी सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के साथ उनके घर जाकर अपने सामने फाइलेरिया की दवा का सेवन करवाती हूं। अन्य लोगों को भी फाइलेरिया की दवा सेवन के लिए प्रेरित करती हूं।
उन्होंने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान मैंने मेरी साई राम पेशेंट ग्रुप के सदस्यों ने 50 से अधिक परिवारों में दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को छोड़कर सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन करवाया है। इसके अलावा 5 से अधिक फाइलेरिया रोगियों का परबत्ता सीएचसी से लिंकेज करवा कर उन्हें एमएमडीपी क्लिनिक से अभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवायी है ।

उन्होंने बताया कि साई राम पेशेंट सपोर्ट ग्रुप, रूपौली नौरंगा पंचायत, परबत्ता में मेरे अलावा रूबी खातून, सहनून खातून, नूतन देवी, दयावती देवी, मंजू देवी, पूनम देवी, सुमित्रा देवी, श्याम सुन्दर देवी, रामवतार शाह शामिल हैं । सभी खुद फाइलेरिया की रोगी होते हुए भी अन्य लोग फाइलेरिया जैसी बीमारी से पीड़ित न हो इसके लिए स्वस्थ्य समाज की भावना से निः स्वार्थ भाव से समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया घर – घर जाकर लोगों को जागरूक करने के दौरान लोगों के कई सवालों का भी सामना करना पड़ता है। लोगों को फाइलेरिया की दवा का सेवन करने, साफ सफाई, योगाभ्यास, व नियमित व्यायाम के लिए तैयार करना थोड़ा मुश्किल होता है। बावजूद इसके अब लोग बातों को समझते हुए एमडीए अभियान के दौरान फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन और नियमित व्यायाम और योगाभ्यास को अपने जीवन शैली में शामिल कर चुके हैं। जिसका काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। साई राम पेशेंट सपोर्ट ग्रुप में फाइलेरिया रोगियों के अलावा गैर फाइलेरिया रोगी भी काफी बढ़कर सहयोग कर रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से रूपौली नौरंगा की आंगनबाड़ी सेविका गीता देवी और सहायिका गायत्री देवी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। हमलोग आंगनबाड़ी केंद्र और कन्या मध्य विद्यालय रूपौली नौरंगा में जाकर बच्चों- बच्चियों और आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाली महिलाओं को फाइलेरिया से बचने के लिए अपनाए जाने वाले उपाय के बारे में विस्तार पूर्वक बताते उन्हें साफ सफाई और नियमित व्यायाम और योगाभ्यास के लिए प्रेरित करते हैं।
फाइलेरिया रोगियों को दिव्यांगजन की तरह मिले सुख सुविधाएं :
उन्होंने बताया कि हाथी पांव फाइलेरिया के रोगियों को आजीवन एक दिव्यांग की तरह ही गुजारना पड़ता है। ऐसी जानकारी मिली है कि राज्य सरकार के द्वारा फाइलेरिया के रोगियों को दिव्यांग की श्रेणी में शामिल किया गया है। मेरी सभी फाइलेरिया रोगियों के हित में यह अपील है कि सभी फाइलेरिया के रोगियों को दिव्यांग जन की तरह सभी सुख सुविधाएं प्राप्त हो ताकी उनकी जिंदगी की परेशानियाँ कुछ कम हो।