-प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सह सीडीपीओ हुए शामिल
-पोषण अभियान को सफल बनाने के लिए स्वच्छता बेहद जरूरी
खगड़िया, 14 सितम्बर
पोषण माह को सफल बनाने के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ताकि पोषण का संदेश समाज के हर लोगों तक पहुँच सके। इसी कड़ी में सोमवार को बेलदौर प्रखंड के आदर्श ऑगनबाड़ी केंद्र संख्या 103 पर हाथ धुलाई सह गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सह बेलदौर सीडीपीओ नीना सिंह ने सबसे पहले खुद अपना हाथ धोकर किया। इस मौके पर एनएनएम के जिला समन्वयक अंम्बुज कुमार, केयर इंडिया के चंदन कुमार आदि मौजूद थे।
– लोगों को दिया स्वच्छता का संदेश
उक्त कार्यक्रम में आईसीडीएस, केयर इंडिया के पदाधिकारी-कर्मी के अलावे बड़ी संख्या में पोषक क्षेत्र के लोग भी शामिल हुए। मौजूद सभी लोगों को पदाधिकारियों द्वारा स्वच्छता का संदेश देते हुए साफ-सफाई के महत्व को बताया और खुद व आसपास के क्षेत्र को साफ रखने का अपील किया।
– स्वच्छता के पालन से दूर होंगी बीमारियां
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीना सिंह ने
कहा कि पोषण की शुरुआत व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखकर किया जा सकता है एवं अपने घर एवं आस पास स्वच्छता का ध्यान रखकर कई प्रकार के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए। अगर पौष्टिक व संतुलित आहार लेंगी तो उन्हें कोई बीमारी नहीं होगी। रोजाना आयरन और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार का सेवन करने से हम स्वस्थ रह सकते हैं। गर्भवती एवं धात्री माताओं को अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए।
– गृहभेंट कार्यक्रम के तहत घर-घर पहुँचाया जा रहा पोषण का संदेश
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि गृहभेंट कार्यक्रम के तहत पोषण का संदेश घर-घर तक पहुँचाया जा रहा है। इसके लिए सेविका घर-घर जाकर लोगों को पोषण का संदेश दे रही है और लोगों को पोषण के महत्व को बता रही है। साथ ही पोषण माह को सफल बनाने के विभिन्न प्रकार का कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
– बच्चे सीख रहे हैं स्वच्छता के गुर
एनएनएम के जिला समन्वयक अंम्बुज कुमार ने बताया कि गृहभ्रमण के दौरान उन्होंने यह प्रयास किया है कि बच्चों में नियमित हाथों की सफाई की आदत को उनकी दिनचर्या में शामिल करने में मदद करें। उन्होंने बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके से अवगत कराने के साथ उनके अभिभावकों को भी इसके महत्त्व के बारे में नियमित तौर से जानकारी देना तय किया है। बच्चों के समक्ष उनके साथ हाथ धोने के तरीके समझाते हुए उन्हें भी संतोष की अनुभूति होती है।