भागलपुर में अगले सप्ताह से दोगुनी होगी कोरोना जांच

237
जिले के पीएचसी पर रैपिड किट से जांच की तैयारी
अब मेडिकल कॉलेज में भी होगी कोरोना जांच
भागलपुर, 30 जुलाई
कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने इलाज को लेकर तैयारी तेज कर दी है। अब जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड किट से जांच की तैयारी की जा रही है। ऐसा होने पर जिले में एक दिन में लगभग 600 लोगों की जांच होने लगेगी। अभी एक दिन लगभग 300 लोगों की कोरोना जांच हो रही है। चिह्नित मरीजों का इलाज भी जल्द शुरू हो जाएगा।
सिविल सर्जन विजय कुमार सिंह ने बताया कि अभी सदर अस्पताल और जिले के सभी अनुमंडल अस्पतालों में जांच हो रही है। कुछ रेफरल अस्पतालों व कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी कोरोना के सैंपल लिए जा रहे हैं। जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से अगले सप्ताह से हर पीएचसी केंद्रों पर जांच शुरू हो जाएगी।
मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर मशीन से जांच शुरू:
सिविल सर्जन ने बताया जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज परिसर में दो सप्ताह से बनकर तैयार कोरोना लैब को भी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से मंजूरी मिल गई है। अब मायागंज अस्पताल की कोरोना लैब में जहां दो ट्रूनॉट मशीन व रैपिड एंटीजन किट से कोरोना जांच की जायेगी तो मेडिकल कॉलेज में तैयार लैब में आरटीपीसीआर मशीन से जांच होगी। गुरुवार को 20 लोगों की ट्रायल के तौर पर जांच भी हुई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा ने कहा कि अभी आठ दिनों तक हर रोज 20 से 25 लोगों के सैंपल की कोरोना जांच होगी। इसके बाद हर रोज 300 सैंपल की कोरोना जांच की जायेगी।
जांच बढ़ने से कोरोना के संक्रमण को रोकने में मिलेगी मदद:
सिविल सर्जन विजय कुमार सिंह ने कहा कि जिले में कोरोना की जांच बढ़ने से इसके संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। जांच के बाद लोगों को पता चल जाएगा कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं। संक्रमितों की पहचान होने से लोग उससे दूरी बनाकर अपना बचाव कर सकेंगे। वहीं चिह्नित मरीज भी होम आइसोलेशन में रहकर खुद को स्वस्थ कर पाएंगे। मरीज के गंभीर होने पर उसे कोविड केयर सेंटर या फिर मायागंज अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
सरकारी गाइडलाइन का किया जाएगा पालन:
जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना मरीजों की जांच के दौरान सरकारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। स्वास्थ्यकर्मी मास्क और ग्लब्स के साथ पीपीई किट पहनकर ही मरीजों की जांच करेंगे। इस दौरान हर दो मीटर की दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। इसे लेकर पूरी व्यवस्था की गई है। इलाज क दौरान मरीज तो सामाजिक दूरी का पालन करेंगे ही, साथ ही स्वास्थ्यकर्मी भी इसका ध्यान करेंगे।