हिसुआ के डॉ. अविनाश सातवें अटल अवार्ड से हुए सम्मानित

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• लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में दिया सम्मान
• विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए मिला सम्मान
• गोवा के एनसीपोआर में वैज्ञानिक के रूप में दे रहे हैं सेवा
• विगत सालों में कई अन्य प्रतिष्ठित सम्मान से हो चुके हैं साम्मानित

हिसुआ-
बिहार के नवादा जिले के हिसुआ प्रखण्ड के निवासी डॉ. अविनाश कुमार ने फ़िर अपनी प्रतिभा से अपने क्षेत्र को गौरवान्ति किया है। गुरुवार को लोकसभा के सदस्य मनोज तिवारी ने डॉ. अविनाश को दिल्ली के विज्ञान भवन में सातवें अटल अवार्ड से सम्मानित किया है। यह अवार्ड डॉ. अविनाश को विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया गया।

कई क्षेत्रों के लोगों को मिलता है अवार्ड:

अटल अवार्ड कई क्षेत्रों के लोगों को प्रदान किया जाता है. सातवें अटल अवार्ड में डॉ. अविनाश कुमार सहित देश के अन्य क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों को भी दी गयी है. यह अवार्ड कुल 19 लोगो को प्रदान किया गया, जिसमें आर्ट एवं कल्चर, संगीत, राजनीती, डिफेंस, शिक्षा, पोएट्री, स्वास्थ्य एवं मीडिया जैसे क्षेत्र को शामिल किया गया.

सम्मान से अनुसंधान जारी रखने में मिलेगा सहयोग :

सातवें अटल अवार्ड से सम्मानित होने के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि यह सम्मान उन्हें अपने अनुसंधान को इसी तरह आगे जारी रखने में भी सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने में उनके परिवार के साथ हिसुआ के तमाम लोगों का सहयोग एवं आशीर्वाद शामिल रहा है।

ऐसी सफ़लता देखकर होता है गर्व:

डॉ. अविनाश के पिता डॉ. अमरनाथ राव ने अपने बेटे को राष्ट्र स्तरीय सम्मान से सम्मानित होने के बाद खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वह अपने पुत्र को ऐसे ही आगे भी अपने परिवार, समाज एवं प्रखण्ड का नाम रौशन करने की भगवान से प्रार्थना करते हैं। वहीं डॉ. अविनाश के बड़े भाई डॉ. शिशुपाल राव जो गोविंदपुर पीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर कार्यरत हैं, उन्होंने भी अपने छोटे भाई को सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मान से सिर्फ परिवार को ही गर्व महसूस नहीं होता बल्कि उनके क्षेत्र के अन्य लोगों को भी गर्व महसूस होता है। कोडरमा के डीवीसी यूनिट में अपनी सेवा दे रहे डॉ. अविनाश के चाचा शिवलोचन राव ने भी उनकी सफलता पर उनको बधाई दी है।

विगत सालों में कई अन्य प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुका है:

गोवा के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओसियन रिसर्च, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ( भारत सरकार) में सीनियर पोलर साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं. वर्ष 2020 में कोरिया पोलर रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा बेस्ट पोलर साइंटिस्ट का अवार्ड हासिल किया था. वर्ष 2019 में जापान में पोलर रिसर्च को लेकर देश का प्रतिनिधित्व कर देश का बढाया गौरव बढ़ाया. वहीँ वर्ष 2018 में कार्यशाला दाबोस, स्वीटजरलैंड में पोलर रिसर्च पर आयोजित वैश्विक कार्यशाला में सम्मलित होकर अपने अनुसंधान का लोहा मनवाया. साथ ही वर्ष 2017 में पोलर रिसर्च को लेकर दक्षिण कोरिया का दौरा किया, जहाँ उन्हें यंग रिसर्चर सम्मान से सम्मानित किया गया. वर्ष 2015-16 में अफ्रीका का दौरा करते हुए अंटार्कटिक महासागर में 4 महीने से अधिक पोलर रिसर्च पर कार्य किया. उनका रिसर्च अनुसंधान 50 से ज्यादा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित में भी हुआ है.