फर्जी कोविड टेस्ट, 3 स्वास्थ्यकर्मी सस्पेंड

गुजरात के राजकोट से चौंकाने वाला मामला ये सामना आया हैं कि यहां कोरोना टेस्ट का टारगेट पूरा करने के लिए खाली टेस्ट किट ही लैब में भेजी जा रही थीं ताकि रिपोर्ट नेगेटिव आए. इसके लिए सैंपलों पर नाम और मोबाइल नंबर भी फर्जी लिखे जाते थे. 3 स्वास्थ्यकर्मियों को इस मामले का खुलासा होने पर सस्पेंड कर दिया गया है.

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फर्जी कोविड टेस्ट, 3 स्वास्थ्यकर्मि हुए सस्पेंड

गुजरात: कोरोना का बढ़ता मामला बेहद भयावह होता जा रहा हैं आने वाले दिनों में कोरोना का मामला और अधिक प्रचंड होने वाला हैं जहां कोरोना के बढ़ते मामलों से देश दहला हुआ हैं तो वही गुजरात के राजकोट से एक ऐसा मामला सामने आया जिसे सुनने के बाद आप भी सन्न रह जाएंगे. गुजरात के राजकोट से चौंकाने वाला मामला ये सामना आया हैं कि यहां कोरोना टेस्ट का टारगेट पूरा करने के लिए खाली टेस्ट किट ही लैब में भेजी जा रही थीं ताकि रिपोर्ट नेगेटिव आए. इसके लिए सैंपलों पर नाम और मोबाइल नंबर भी फर्जी लिखे जाते थे. 3 स्वास्थ्यकर्मियों को इस मामले का खुलासा होने पर सस्पेंड कर दिया गया है.

4 अप्रैल को गुजराती अखबार में छपी खबर

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राजकोट के जिलाधिकारी और जिला विकास अधिकारी से जांच करने को कहा है. जिम्मेवार लोगों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए भी कहा गया है. जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट जिले के खोड़ापीपर प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) के मेडिकल ऑफिसर, एक लैब टेक्नीशियन और PHC के तहत चलने वाले धनवंतरी रथ के मेडिकल ऑफिसर शामिल हैं. 4 अप्रैल को एक गुजराती अखबार में छपी खबर में दावा किया गया कि खोड़ापीपर स्वास्थ्य केंद्र ने RT-PCR टेस्ट के लिए पिछले कुछ महीने में 1300 सैंपल्स भेजे थे. लेकिन हकीकत में कोई सैंपल लिया ही नहीं गया था.

नाम और नंबर फर्जी लिखे जाते

बता दें कि RT-PCR टेस्ट के लिए एक खास तरह की किट होती है. इसमें केमिकल से भरी ट्यूब होती है. इस ट्यूब में उन स्वैब्स (सैंपल्स) को रखा जाता है, जो नाक या मुंह से लिए जाते हैं. इन ट्यूब्स पर मरीज का नाम और मोबाइल नंबर आदि लिखकर लैब को भेज दिया जाता है. यहीं पर हेराफेरी की गई. जो किट टेस्ट के लिए भेजी गईं, वो खाली थीं. यानी उसमें कोई स्वैब था ही नहीं. किट पर लिखे नाम और नंबर भी फर्जी थे. इस तरह हर रिपोर्ट जांच में नेगेटिव ही आती थी.

कोविड-19 टेस्ट के लिए नई टीम भेजी जाएगी

इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि सैंपल्स पर मरीज के नंबर की जगह स्वास्थ्यकर्मी के मोबाइल नंबर ही लिख दिए गए थे ताकि लैब का मैसेज सीधे उनके पास ही जाए. कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के टारगेट को पूरा करने के लिए इस धांधली को अंजाम दिया गया. इस तरह ना तो ट्रेसिंग हो पाई, 1300 किट भी बेकार हो गईं. राजकोट की जिलाधिकारी ने कहा कि इन लोगों को निलंबित कर दिया गया है. राजकोट ग्रामीण क्षेत्र के SDM ने 4 अप्रैल को जांच की थी, जिसके आधार पर ये फैसला किया गया. इसके अलावा खोड़ापीपर PHC के अंतर्गत आने वाले 13 गांवों में कोविड-19 टेस्ट के लिए नई टीम भेजी जा रही है.