नई दिल्ली-
आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपना तुरुप का इक्का चल दिया है। लंबे इंतजार के बाद राहुल गांधी की बहन प्रियंका वाड्रा गांधी सक्रिय राजनीति में उतरने जा रही हैं और कांग्रेस ने उन्हें महासचिव बनाने का ऐलान किया है। उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है जो भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है।
प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में आना और उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान दिया जाना कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इस क्षेत्र की कई सीटों पर कांग्रेस का अच्छा प्रभाव है। फूलपुर से पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू सांसद थे। इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर समेत कई जिलों कांग्रेस का अच्छा खासा प्रभाव है।
यह तो तय है कि प्रियंका के आने से इस क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में नया जोश आएगा। प्रियंका की सक्रिय राजनीति में एंट्री ऐसे समय पर हुई है जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस को महागठबंधन में जगह नहीं दी है। पहले भी कांग्रेस कहती रही है कि वह इस बार आम चुनाव में करिश्माई प्रदर्शन करेगी और यह फैसला उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
फरवरी के पहले सप्ताह से अपना कार्यभार ग्रहण करेंगी। पार्टी ने इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को एआईसीसी का महासचिव बनाया है। उन्हें पश्चिमी यूपी की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले मध्य प्रदेश में उन्हें डेप्युटी सीएम बनाए जाने की अटकलें थीं। वहीं अब तक उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे गुलाम नबी आजाद को हरियाणा का प्रभारी बनाया है। के. सी. वेणुगोपाल कांग्रेस संगठन के प्रभारी होंगे।