आमलोग 10 दिनों में कोरोना की चपेट से आ जा रहे हैं बाहर
धूम्रपान करने वालों को स्वस्थ होने में लग जा रहे 14 दिनों का समय
भागलपुर, 5 सितंबर
सरकार ने बीड़ी, सिगरेट समेत अन्य तंबाकू पदार्थों पर प्रतिबंध लगा रखी है, लेकिन इसके बावजूद लोग सेवन करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. अभी कोरोना काल में भी धूम्रपान करने वालों को ज्यादा परेशानी हो रही है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के डॉक्टर की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उन्हें स्वस्थ होने में ज्यादा समय लग जा रहा है. आमलोग जहां कोरोना की चपेट में आने के बाद 10 दिन में स्वस्थ हो जा रहे हैं, वहीं धूम्रपान करने वाले को स्वस्थ होने में 14 दिन लग जा रहे हैं.
जेएलएनएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजकमल चौधरी ने जिले में अब तक मिले कोरोना के मरीजों पर एक शोध किया है. अब तक जिले में 25 से 55 साल तक के 2883 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं. इनमें से 13% लोगों को स्वस्थ होने में ज्यादा दिन लगे. दरअसल, ये वैसे लोग हैं जो धूम्रपान करते थे. राजकमल चौधरी कहते हैं कि जिले में अब तक मिले कोरोना मरीज की स्टडी करने पर पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले लोगों को कोरोना से निजात मिलने में ज्यादा दिन लग जा रहे हैं. सामान्य लोग जो धूम्रपान नहीं करते हैं वह जल्दी स्वस्थ हो जा रहे हैं.
5 साल तक धूम्रपान करने वाले लोगों के फेफड़े पर पड़ रहा असर: डॉक्टर राजकमल चौधरी कहते हैं कि जिन लोगों ने 5 साल तक भी धूम्रपान किया है या फिर 5 साल से धूम्रपान कर रहे हैं उनके फेफड़े पर असर पड़ रहा है. इस वजह से उन्हें कोरोना से स्वस्थ होने में समय लग जा रहा है. इसलिए जो लोग धूम्रपान कर रहे हैं वह जितना जल्दी हो सके इसे छोड़ दें. इसी में आपके परिवार के लोगों की भी भलाई है.
धूम्रपान से प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसके चलते कोरोना जैसे वायरस आसानी से ऐसे लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं. इसके अलावा बीमारी की चपेट में आने पर ऐसे लोगों के इलाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यही कारण है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में इसका प्रयोग करने वालों को कोरोना का खतरा कई गुना अधिक है.
धूम्रपान पर जुर्माना का है प्रावधान: कोरोना वायरस छींकने, खांसने और थूकने से निकलने वाली बूंदों के जरिये एक दूसरे को संक्रमित करता है. इसीलिए खुले में थूकने पर जुर्माना का प्रावधान है. धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचता है. यही कारण है कि फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है.