सर ने कभी वेल प्लेड नहीं कहा- सचिन

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-क्रिकेट के भगवान के कोच रमाकांत आचरेकर का निधन
मुंबई-
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। रमाकांत आचरेकर ने भारतीय क्रिकेट टीम को कई खिलाड़ी दिए। जिनमें सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, समीर दीघे, बलविंदर सिंह सिद्दू प्रसिद्ध है। जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाईयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई है। आचरेकर सचिन तेंदुलकर के बचपन के कोच थे। उन्होंने अपने कैरियर में उनकी भूमिका को हमेशा से उल्लेख किया है। आचरेकर शिवाजी पार्क में उन्हें क्रिकेट सिखाते थे।

कभी वेल प्लेड नहीं कहा

सचिन ने एक कार्यक्रम में अपने कोच के बारे में कहा था कि उन्होंने कभी वेल प्लेड नहीं कहा, जब मैं मैदान पर अच्छा खेलता था तो सर मुझे भेलपुरी या पानीपुरी खिलाते थे।
थप्पड़ ने बदल दिया सचिन को
सचिन ने अपने कोच के बारे में बताया कि शुरुआत के चार पांच साल उनके साथ काफी अहम रहे जब उन्होंने क्रिकेट की बारिकियां के बारे में बताया। स्कूल से आने के बाद कोच उन लोगों के लिए मैच रखते थे यह भी बता देते थे कि मैं चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करूंगा। ऐसे ही एक दिन मैच खेलने के बजाए सचिन वानखेड़े स्टेडियम में शारदाश्रम इंग्लिश मीडियम और शारदाश्रम मराठी मीडियम के बीच हैरिस शील्ड का फाइनल देखने चले गए। जहां उन्होंने अपने कोच आचरेकर से मुलाकात करने चले गए। सचिन से उन्होंने पूछा कि तुमने कैसा प्रदर्शन किया। तो उन्होंने कहा कि मैं मैच छोड़कर अपनी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए यहां आ गया हूं। यह सुनकर आचरेकर ने जोरदार थप्पड़ ज़ड़ दिया। यहीं सचिन की जिंदगी बदल गई और वे अपना सारा ध्य़ान क्रिकेट खेलने पर लगाने लगे और यहीं लगन उनमें आई। जिसका परिणाम है कि सर डॉन ब्रेडमैन के करीब वे खड़े हो गए और क्रिकेट के भगवान भी कहलाए। सचिन के द्वारा बनाए गए हर रन से लगता है जैसे संगीत निकल रहा हो। आचरेकर को दोणाचार्य अवार्ड एवं पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है