इस वर्ष नवम्बर 2021 में ‘प्रोजेक्ट पुस्तकम’ के तहत लोगो से पुरानी पुस्तके, डायरी, और बहुत कम उपयोग हुई लिखने योग्य नोटबुक को एकत्रित करके उन्हें गाँव तथा शहरों के उन क्षेत्रो में बच्चो को दिया जाएगा जहाँ संसाधनों कि कमी के चलते बच्चे यह सब खरीद नहीं पाते.
दिल्ली स्थित एन.जी.ओ द समझ ने ग्रामीण भारत में संसाधनों की कमी वाले क्षेत्रों के लाभ के लिए लोगों को अपने घरों, कार्यालयों और स्कूलों से कम उपयोग की गई सामग्री का योगदान करने के लिए आमंत्रित करना शुरू कर दिया है। द समझ एन.जी.ओ. के संस्थापक तथा अध्यक्ष आर जे रावत के अनुसार यह अभियान आज के समय में जब लोग कोरोना के कारण अपना रोजगार खो चुके है खास तौर पर वह लोग जो रोजना सिर्फ एक दिन कि कमाई कर पाते थे आज उनके पास संसाधनों की शून्यता है. इसलिए यह अभियान उनके दुखो को कुछ हद तक कम कर सकेगा और उनकी खुशी हमे आगे कि योजनाएं बनाने पर मजबूर करेगी.
‘अखबार उपयोगी हर बार’ अभियान के द्वारा लोगो से अपील की जा रही है कि वह अपने पुराने अखबार द समझ को दान कर सकते है, हम इन अखबारों को पैकिंग के लिए सामग्री के तौर पर इन्स्तेमाल करेंगे.
शीत ऋतु का आगमन के साथ ही द समझ ने गरीब तथा बेसहारा लोगो के लिए गर्म कपड़ो का इन्तेजाम करने के लिए अपना योगदान आरंभ कर दिया है. ‘शीत मित्र’ अभियान के द्वारा हम लोगो से उनके द्वारा उपयोग न किये जाने वाले वस्त्रो को एकत्र करके उन लोगो तक पहुँचाएँगे जो शीत ऋतु में गर्म कपड़ो से अपने बच्चो और खुद को बचा पाने में असमर्थ है. हम दिल्ली के आस पास के क्षेत्रो में प्रारंभ करेंगे, कई लोग यह कार्य कर रहे हे और हमे इस कार्य को बड़े स्तर पर जारी रखना होगा खास करके सर्दियों के मौसम में.