कोरोना मरीजों की देखभाल में लगी रहती है डॉक्टरों की टीम

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जेएलएनएमसीएच में मरीजों के लिए लगातार बढ़ाई जा रहीं सुविधाएं
पड़ोस के जिलों समेत दूसरे राज्यों के मरीज भी स्वस्थ होकर जा रहे
भागलपुर, 14 अगस्त
मायागंज स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (जेएलएनएमसीएच ) में गंभीर से गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है। यहां पर सिर्फ जिले के ही नहीं, बल्कि आसपास के कई जिलों समेत दूसरे राज्यों से भी रेफर होने के बाद कोरोना मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। और यहां से स्वस्थ होकर जा रहे हैं। पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में डॉक्टर दिन-रात लगे हुए हैं। नोडल प्रभारी डॉ. हेमशंकर शर्मा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम कोरोना मरीजों के इलाज में लगी रहती है।
 अस्पताल के दो दर्जन से अधिक डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अबतक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। यहां तक कि अस्पताल के अधीक्षक भी कोरोना की चपेट में आ गए थे, इसके बावजूद यहां के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अपना कर्तव्य निभाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. हेमशंकर शर्मा कहते हैं कि कोरोना के शुरुआती दौर से ही वे लोग काफी सजग होकर काम कर रहे हैं। पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर काफी जिलों से मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसलिए वे लोग  शुरुआत से ही सजग थे। सबसे पहले यहां पर 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया। बाद में पूरा अस्पताल को ही कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया गया। इस अस्पताल का रिकवरी रेट भी बहुत अच्छा है। वहीं अस्पताल अधीक्षक अशोक कुमार भगत कहते हैं कि कोरोना मरीजों के इलाज पर अस्पताल प्रशासन का पूरा ध्यान रहता है। डॉ. हेमशंकर शर्मा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम लगी रहती है। समय के साथ अस्पताल में सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। कई गंभीर मरीज यहां से स्वस्थ होकर गए हैं।
सामान्य मरीजों का भी हो रहा इलाज: कोरोना के साथ अब यहां पर सामान्य मरीजों का भी इलाज रहा है। इसके लिए आईसीयू में बेड भी बढ़ाए गए। शुरुआत में शासन के स्तर से सिर्फ कोरोना मरीजों का ही इलाज हो रहा था। दुबारा जब आदेश मिला तो यहां पर सामान्य मरीजों का इलाज भी फिर से शुरू हो गया। सीनियर डॉक्टर के साथ जूनियर भी अपनी भूमिका बढ़-चढ़कर निभा रहे हैं।
झारखंड समेत 15 जिलों से आते हैं मरीज: जेएलएनएमसीएच में भागलपुर और आसपास के जिलों समेत कोशी और  सीमांचल से भी मरीज यहां पर आते हैं। साथ ही झारखंड के गोड्डा, साहेबगंज से भी बड़ी संख्या में भी मरीज यहां इलाज कराने के लिए आते हैं। पास के किसी जिले में इतनी सुविधाओं वाला सरकारी या निजी अस्पताल नहीं है, इस वजह से भी यहां पर इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों की भीड़ बढ़ती है। यही कारण है कि अस्पताल प्रशासन को व्यवस्था को दुरस्त रखना पड़ता है, ताकि मरीजों को उत्तम सुविधाएं मिले और वे स्वस्थ हों।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है जेएलएनएमसीएच: यहां पर मरीजों की भीड़ बढ़ने का एक यह भी कारण है कि यहां जांच और इलाज की अत्याधुनिक सुविधाएं  उपलब्ध हैं। कई आधुनिक फीचर के साथ उपकरण लगाए गए हैं। अस्पताल लेटेस्ट उपकरणों से लैस है। यहां पर लगभग हर तरह की जांच मरीजों को कम कीमत पर उपलब्ध हो जाती है। विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ के जरिए तथा विभिन्न प्रकार के उपकरणों की सहायता से रोगियों का इलाज किया जाता है। इस अस्पताल में मरीज को बचाने के लिए हर संभव साजो सामान उपलब्ध है जिससे मरीजों को काफी लाभ हो रहा हैं। वहीं अस्पताल को कीटाणुरहित के लिए हर तरह की तैयारी की गई है जिससे मरीजों को कोई असुविधा नहीं होती है। जेएलएनएमलीएच जैसी सुविधाओं वाला आस-पास अस्पताल नहीं है।