– बिहार से पलायन करने को मजबूर मजदूर
-सरकार मजदूरों के हित में काम नहीं कर रही है
-समाज में किसान व मजदूर पूंजीवाद से जूझ रहे हैं
पटना:
बिहार के आई.एम.ए हाल गांधी मैदान, पटना में गुरुवार को अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन द्वारा खेत मजदूरों का वर्तमान स्थिति पर संयुक्त राज्य स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कॉमरेड शशिकांत झा ने लोक संगीत के साथ की व मुख्य अतिथि के रूप में केरल से आए कॉमरेड शिवदासन ने की। कॉमरेड शिवदासन ने बताया कि किस तरह से नोटबंदी से किसान बैंक व इंश्योरेंस कर्मचारी और निजी क्षेत्र में काम कर रहे लोग प्रभावित हुए। अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया की आज के समाज में किसान व मजदूर किस तरह से पूंजीवाद से जूझ रहे हैं। बिहार की तुलना केरल राज्य से करते हुए उन्होंने बताया की केरल में सरकार द्वारा 75 वर्ष से ऊपर के मजदूर को प्रति माह 1700 रुपए व बिहार में 80 वर्ष से ऊपर के मजदूरों को मात्र 500 रुपए ही सरकार के तरफ से पेंशन के रूप में दिया जा रहा है।
बिहार के अलग अलग जिलों से आए मजदूर, किसान व सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की उन्हें पिछले तीन महीनों से कोई भी राशि अनुदान के रूप में प्राप्त नहीं हुई है। जिसके बाद कॉमरेड शिवदासन ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनको व उनके मंत्रियों को अपने आराम व सुख सुविधाओं के लिए तो पैसे हैं किंतु बिहार के वरिष्ठ मजदूरों व किसानों को पेंशन के रूप में अनुदान के लिए राशि नही है। उन्होंने यह भी बताया की प्रतिदिन न्यूनतम आय बिहार के मजदूरों की 237 रुपए है जबकि केरल में यह प्रतिदिन न्यूनतम आय 600 रुपए है। बिहार से पलायन करने को मजबूर मजदूरों के हवाले से उन्होंने बताया की जमीन न होने के कारण वे लोग यहां खेती नहीं कर पा रहे हैं और दूसरे राज्य में पलायन को मजबूर हैं। अपनी बातों को खत्म करते हुए उन्होंने कहा की राज्य सरकार मजदूरों के हित में काम नहीं कर रही है। जिससे उन्हें रोजगार और उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो। अंतिम नारा उन्होंने “सबको सम्मान सबको जमीन” और “हम लड़ेंगे हम जीतेंगे” का लगाया।