– स्वास्थ्य विभाग द्वारा सदर अस्पताल में दिया गया प्रशिक्षण
– कालाजार के लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की दी गई विस्तृत जानकारी
लखीसराय, 29 दिसंबर-
सदर अस्पताल, लखीसराय में कालाजार उन्मूलन को लेकर कालाजार प्रभावित एरिया की आशा कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार को शुरू हुआ। जिसका गुरुवार को समापन होगा। प्रशिक्षण के पहले दिन जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्र के लोगों को भी कालाजार से बचाव के लिए आसानी के साथ आवश्यक जानकारी दे सके और लोगों को समुचित इलाज के लिए प्रेरित कर ससमय सरकारी स्वास्थ्य संस्थान भेज सके। साथ ही पूरे गाँव के लोग इस बीमारी से सुरक्षित हों। इस प्रशिक्षण में भीडीसीओ भगवान दास, गौतम प्रसाद, भीबीडीएस बिनोद कुमार चौबे, दिलीप कुमार मालाकार, केयर इंडिया की प्रखंड समन्वयक ललिता कुमारी आदि मौजूद थी।
– कालाजार से बचाव के लिए जागरूक और इलाज के लिए प्रेरित करने की दी गई जानकारी :
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र में गृह भेंट की तर्ज पर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करने एवं इस बीमारी केषलक्षण वाले व्यक्ति को इलाज के लिए प्रेरित करने की भी विस्तृत जानकारी दी गई। ताकि लक्षण वाले व्यक्ति का समय पर जाँच के साथ आवश्यक इलाज शुरू हो सके और सामुदायिक स्तर पर भी लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी मिल सके। जिससे शुरुआती दौर में ही लोग सजग हो सकें और आवश्यक कदम उठा सकें। सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त व समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए जमीन पर नहीं सोएं। मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। दिन में मच्छरदानी लगाकर ही सोएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
– कालाजार प्रभावित एरिया की आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण :
भीडीसीओ भगवान दास ने बताया, यह प्रशिक्षण जिले के कालाजार प्रभावित एरिया की आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया। जिसमें सभी आशा कार्यकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण तरीके से प्रशिक्षण दिया गया, ताकि आशा कार्यकर्ता प्रशिक्षण का उद्देश्य बेहतर तरीके से ग्रहण कर सकें और कालाजार से संबंधित मरीजों की आसानी के साथ शुरुआती दौर में ही पहचान कर सकें तथा मरीजों को उचित इलाज के लिए आवश्यक जानकारी सुविधाजनक तरीके से उपलब्ध करा सकें। साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए बेहतर तरीके से जागरूक कर सकें।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरुनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल की अन्दरुनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।