-जिले के 680 कुष्ठ मरीजों को मिल रही 1500 रुपये प्रति माह पेंशन
-कुष्ठ मरीजों के 52 आश्रितों को भी एक हजार रुपये प्रति माह भुगतान
बांका, 8 फरवरी।
कुष्ठ का न सिर्फ इलाज मुफ्त में किया जाता है, बल्कि इससे विकलांग हुए लोगों को प्रतिमाह पेंशन भी दी जाती है। अभी जिले में अभी 680 ग्रेड -2 के कुष्ठ मरीजों को 1500 रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। 52 आश्रितों को 1000 रुपये प्रतिमाह परवरिश योजना के तहत दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ और अधिक लाभार्थियों को मिले, इस दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। बाल संरक्षण ईकाई के सहयोग से इस आंकड़े को इस वित्तीय वर्ष में और बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि अभी स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा 13 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान लोगों को कुष्ठ के प्रति जागरूक करने का काम किया जा रहा है। कुष्टरोगियों से भेदभाव करने की जगह उसे अस्पताल ले जाने की शपथ दिलाई जा रही है। उम्मीद करता हूं कि लोग जागरूक हो रहे होंगे और इसका असर भी पड़ेगा। लोग न सिर्फ कुष्ठ रोगियों से भेदभाव बंद करेंगे, बल्कि सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभ के प्रति भी उन्हें बताएंगे। समाज में कुष्ठ के प्रति लोगों में जो भ्रांतियां हैं, उसे दूर किया जा रहा है। आमतौर पर लोग कुष्ठ को छुआछूत की बीमारी समझकर इस बीमारी से ग्रसित रोगी से भागने लगते हैं। दूरी बनाने लगते हैं। इसी को लेकर आशा कार्यकर्ता अभी गांवों में जाकर लोगों को बता रही हैं कि कुष्ठ रोगियों से भागे नहीं, उसे सरकारी अस्पताल लेकर जाएं। सभी सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ रोगियों के लिए मुफ्त में इलाज की व्यवस्था है। इलाज नहीं करवाने पर उससे अन्य लोगों में संक्रमण हो सकता है।
कुष्ठ का पूर्ण इलाज संभवः डॉ. चौधरी कहते हैं कि कुष्ठ की बीमारी जीवाणु से होती है, जिसका पूर्ण इलाज संभव है। इसकी पहचान बहुत ही आसान है। त्वचा पर किसी प्रकार का दाग या धब्बा, जिसमें दर्द या खुजली नहीं होती है और वह जन्म से नहीं है तो वह कुष्ठ का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। समय से इलाज होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो जाता है और वह पहले वाली जिंदगी जी सकता है। एमडीटी का पूरा खुराक नियमानुसार लेने के बाद कुष्ठ पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है। इलाज नहीं कराने पर उस व्यक्ति से कई लोगों में संक्रमण हो सकता है। इसलिए अगर कोई कुष्ठ रोगी दिखे तो उसका तत्काल इलाज करवाएं।
सहायता राशि का भी प्रावधानः अचिकित्सा सहायक मृत्युंजय कुमार सिंह कहते हैं कि कुष्ठ से पीड़ित व्यक्ति अगर विकलांग हो जाता है तो उसे 1500 रुपये प्रति महीने भिक्षाटन निवारण योजना के तहत दिया जाता है। यह राशि तबतक दी जाती है, जब तक वह जीवित रहते हैं। साथ ही अगर कुष्ठ से विकलांग हुए व्यक्ति के आश्रित जिनकी उम्र 18 साल से कम है, उसे भी परवरिश योजना के तहत एक हजार रुपये प्रति महीने दिया जाता है। इसलिए कुष्ठ रोग को छुपाएं नहीं और इसका इलाज करवाएं।