– घर-घर जाकर की जा रही है मरीजों की खोज, दी जा रही है आवश्यक चिकित्सा परामर्श
– लखीसराय, सूर्यगढ़ा, पिपरिया एवं बड़हिया प्रखंड के विभिन्न गाँवों में सघन कालाजार मरीज खोज अभियान
लखीसराय, 04 जनवरी।
पूरे प्रदेश में कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है और इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिले के चार कालाजार प्रभावित प्रखंडों के विभिन्न गाँवों में सोमवार से ही सात दिवसीय सघन मरीज खोज अभियान की शुरुआत कर दी गई। जो आगामी 09 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता अपने-अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर मरीजों की खोज करेंगी। वहीं, अभियान के दूसरे दिन संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता अपने-अपने पोषक क्षेत्र में कालाजार मरीजों की खोज की और उन्हें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी से अवगत कराया। साथ ही इस बीमारी के शुरुआती लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की भी जानकारी दी। ताकि ऐसे मरीज समय पर अपना इलाज शुरू करा इस बीमारी को आसानी से मात दे सकें। इस अभियान को सफल बनाने के लिए केयर इंडिया के प्रतिनिधियों द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। वहीं, अभियान को सफल बनाने के लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ धीरेंद्र कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार खुद अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
– घर-घर जाकर की जा रही है मरीजों की खोज :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ धीरेंद्र कुमार ने बताया, सोमवार से जिले के चार कालाजार प्रभावित प्रखंडों में घर-घर कालाजार मरीज खोज अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता मरीजों की पहचान कर उन्हें इलाज कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं। ताकि संबंधित मरीजों का समय पर इलाज शुरू हो सके जिससे बीमारी को आसानी से मात दी जा सके। वहीं, उन्होंने बताया, इसके अलावा लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया, सूर्यगढ़ा प्रखंड के रामपुर,पिपरिया के रामचंद्रपुर, लखीसराय का रजौनाचौकी एवं बड़हिया के आदर्श लक्ष्मीपुर गाँव मरीजों की सघन खोज की जा रही है।
– सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध :
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, कालाजार मरीजों की जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। सदर अस्पताल में भी समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्हें दी जायेगी। साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया, 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरुनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल की अन्दरुनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं । छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।