• “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” स्लोगन के तहत होगा प्रचार प्रसार
• केयर इंडिया की टीम करेगी सहयोग
• निक्षय योजना के प्रति किया जाएगा जागरूक
• 2025 तक टीबी मुक्त होगा देश
भागलपुर,1 मार्च –
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण स्वाभाविक रूप से आघात पहुंचा है। अब स्वास्थ्य विभाग ने टीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग के द्वारा मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा। इसको लेकर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा ने सभी उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी संचारी रोग को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा। जिसके तहत प्रखंड स्तर पर कई गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।
केयर इंडिया की टीम करेगी सहयोग, धर्म गुरु फैलाएंगे जागरूकता:
प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार सहयोगी संस्था केयर इंडिया के द्वारा सभी प्रखंड मुख्यालयों में सहयोग किया जाएगा। इसके तहत टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों, टीबी चैंपियन, ट्रीटमेंट सपोर्टर, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं, निक्षय पोषण योजना आदि विषय पर व्यापक जानकारी दी जाएगी । कार्यक्रम के लिए केयर इंडिया के जिला प्रतिनिधि के द्वारा रोस्टर भी तैयार किया जाएगा।
वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य:
जन-आंदोलन अभियान के तहत प्रखंडस्तर पर टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों, टीबी चैंपियन, ट्रीटमेंट सपोर्टर, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोगी की पहचान के विषय में जानकारी दी जाएगी, ताकि यह लोग जल्द ही टीबी के लक्षणों को पहचान कर रोगी को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में भेज सकें।ऐसा करके टीबी के रोगी का जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जा सकेगा। सरकारी अस्पतालों में टीबी के संभावित रोगियों की स्क्रीनिंग भी की जाती है। परीक्षण उपरांत रोगियों का निशुल्क उपचार किया जाता है। केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज:
जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ उनको नि:शुल्क दवा भी दी जाती है। जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।
टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना