डीएमटी फैसिलिटी ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद सुरक्षित प्रसव के दौरान कॉम्प्लिकेशन को सहजता पूर्वक पहचान पा रही हैं नर्स

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– कॉम्प्लिकेशन को पहचानने के बाद क्रिटिकल कंडीशन को सुरक्षित तरीके से हैंडल कर पा रही हैं जीएनएम नर्स

– जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल में कार्यरत डीएमटी ट्रेनिंग प्राप्त जीएनएम रेणू और सरिता कुमारी ने कॉम्प्लिकेशन को पहचानते हुए सुरक्षित तरीके से इलाज किया

लखीसराय-
डीएमटी फैसिलिटी कि ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षित जीएनएम नर्स अपने – अपने अस्पताल में सुरक्षित संस्थागत प्रसव से पूर्व और प्रसव के दौरान उत्पन्न होने वाली कॉप्लिकेशन को सही समय पर न सिर्फ पहचान कर पा रही हैं बल्कि उसका बेहतर और सुरक्षित तरीके से इलाज भी कर पा रही है। जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल में काम कर रही डीएमटी ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली जीएनएम रेणू कुमारी और ललिता कुमारी ने 19 जनवरी को अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए आई एक गर्भवती महिला का न सिर्फ सुरक्षित तरीके से प्रसव कराया बल्कि प्रसव के बाद कॉम्प्लिकेशन पैदा होने पर सूझबूझ दिखाते हुए अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर सुरक्षित तरीके से कॉम्प्लिकेशन को सफलता पूर्वक हैंडल किया।

लखीसराय जिले कि केयर इंडिया कि एनएमएस इंचार्ज सरिता बेग ने बताया कि पिछले महीने 19 जनवरी को संस्थागत सुरक्षित प्रसव के लिए जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल में 30 वर्षीय एक गर्भवती महिला (जीएसपी 4एल4 ए0) अपना गर्भवस्था पूरा होने के बाद दिन के लगभग 11. 40 बजे भर्ती हुई। सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती होने के समय गर्भवती महिला का वाइटल सामान्य और बीपी 110/70 एमएमएचजी और एफएचआर 140/मिनट था। अस्पताल में भर्ती होने के वक्त गर्भवती महिला को लेबर पेन और कॉन्ट्रेक्शन भी ठीक था। इसके बाद महिला ने दिन के 1.55 बजे बिना किसी कॉम्प्लिकेशन के बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन 2450 ग्राम था। इसके बाद प्रसूति माता और उसकी बच्ची को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।

अचानक से प्रसूति माता को शुरू हुआ कॉम्प्लिकेशन तो डीएमटी प्रशिक्षण प्राप्त जीएनएम ने सूझबूझ दिखाते हुए कॉम्प्लिकेशन को किया हैंडल :
एनएमएस इंचार्ज सरिता बेग ने बताया कि वार्ड में शिफ़्ट होने के बाद अचानक से माता को ब्लीडिंग होने के साथ कॉम्प्लिकेशन होना शुरू हो गया। उस समय माता का बीपी जांच करने पर बीपी 50/40 एमएमएचजी था। उस समय ड्यूटी पर तैनात जीएनएम सिस्टर रेणू कुमारी और ललिता कुमारी ने कॉम्प्लिकेशन कि पहचान करने के साथ ही बेहतर ढंग से स्थिति को संभाला। कॉम्प्लिकेशन कि पहचान दोनों सिस्टर ने पीपीएच केस के रूप में करते हुए उसका इलाज शुरू किया। ड्यूटी पर तैनात दोनों सिस्टर ने दोनों साइड में कैनुला सेट करने के बाद 500 एमएलआरएल कि स्पीड से फ्लूउड के साथ ही इंजेक्शन के जरिये ऑक्सीटोसिन 20आई यू और 60 ड्रॉप्स प्रति मिनट और दूसरे और से 500 एमएलआरएल(प्लेन) पूरा फ़ास्ट देना शुरू किया। उसके बाद उसको यूरिनरी कैथेटर भी लगाया गया। इसके बाद माता का यूटरस कॉन्ट्रेक्ट करना शुरू कर दिया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पेशेंट को रेफर करने कि बात कर रहे थे लेकिन प्रसूति माता के परिजन इससे इंकार कर रहे थे।

दोनों सिस्टर ने सही समय पर सही निर्णय लेते हुए स्थिति को बेहतर ढंग से किया हैंडल :
उंन्होने बताया कि दोनों सिस्टर ने सूझबूझ दिखाते हुए सही समय पर सही निर्णय लेकर केस के प्रति अपनी पूरी जिम्मेदारी का निर्वाहन किया है और बहुत ही बढ़िया तरीके से पीपीएच और शौक़ का प्रबंधन किया । ड्यूटी पर तैनात दोनों डीएमटी प्रशिक्षण प्राप्त सिस्टर लगातार वाइटल साइन को ऑब्सर्ब किया और 30 मिनट के बाद माता के बीपी कि जांच की गई तो पहले 70/ 50 और उसके कुछ देर के बाद 90/60 एमएम एचजी नोट किया गया। इसके बाद प्रसूति माता ने खुद को बेहतर महसूस करते हुए परेशानी से खुद को बाहर बताया । इसके अगले दिन 10 जनवरी 2021 को माता और उसके बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

एनएमएस कि अनुपस्थिति में जिम्मेदारी पूर्वक पेशेंट का ध्यान रखने के लिए काबिले तारीफ है डीएमटी मेंटर्स का प्रयास :
लखीसराय जिले कि केयर इंडिया कि एनएमएस इंचार्ज सरिता बेग ने बताया कि एनएमएस कि अनुपस्थिति में इन डीएमटी प्रशिक्षित मेंटर्स के द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक रोगियों कि देखभाल करने के साथ ही कॉम्प्लिकेशन को पहचानते हुए उसे सुरक्षित तरीके से हैंडल करना वाकई में काबिले तारीफ है।पूरे केयर इंडिया टीम और राज्य सरकार कि पूरी टीम को बड़हिया कि दोनों डीएमटी रेणू कुमारी और ललिता कुमारी पर गर्व है।