डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी : सिविल सर्जन 

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– सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार हाॅल में एंटी डेंगू दिवस के अवसर पर बैठक
– सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने पर दिया गया बल
शेखपुरा, 06 जुलाई-
बुधवार को एंटी डेंगू दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में एक कार्यशाला सह बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डाॅ पृथ्वीराज ने की। वहीं, कार्यशाला के दौरान डेंगू से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा, इस बीमारी से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर जन जागरूकता बेहद जरूरी है। इसलिए, अभियान चलाकर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करें और बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी दें। ताकि लोग शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर  ससमय अपनी  जाँच व इलाज करवा सकें । दरअसल, किसी भी बीमारी की शुरुआती दौर में पहचान होने से संबंधित बीमारी को आसानी के साथ मात दी जा सकती है। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार आदि मौजूद थे।
– संक्रमित एडिस मच्छर काटने से होता है डेंगू और चिकनगुनिया :
जिला वेक्टर जनित-रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर काटने से होता है। इसलिए, अगर आप दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें। साथ ही आसपास भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। इसके लिए अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी जागरूक करें। ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर लोग दूर रहें। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। दरअसल, डेंगू  व चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं। जिसके कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में भी काफी परेशानी होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है।
– लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं इलाज, अस्पतालों में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया, लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत जाँच करानी चाहिए। जाँच रिपोर्ट के अनुसार इलाज करानी चाहिए। ताकि बड़ी परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़े और समय पर इलाज शुरू हो सके। इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। वहीं, उन्होंने बताया, यह बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होता है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।
– डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण :
– तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना
– त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान
– नाक, मसूढ़े से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना
– काला पैखाना होना
– बचाव के उपाय :
– दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
– पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें।
– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें।
– जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।