दुधारी पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 1 में हैं कार्यरत
पोषण को लेकर घर-घर जाकर लोगों को कर रही जागरूक
बांका-
जिले के आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आईसीडीएस के कर्मी भी सहयोग कर रहे हैं. गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के जरिए सेविका और सहायिका बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दे रही हैं. बांका के दुधारी पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 1 में कार्यरत सेविका मुन्नी कुमारी क्षेत्र की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के पोषण से संबंधित काम में खासा रुचि रखती हैं. इसका फायदा क्षेत्र की महिलाओं को मिल रहा है.
सही पोषण को लेकर जागरूक भी कर रही हैं-
मुन्नी कुमारी न सिर्फ गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य की सही देखभाल कर रही हैं, बल्कि उन्हें सही पोषण को लेकर जागरूक भी कर रही हैं. मुन्नी कुमारी बताती हैं सबसे पहले मैं अपने क्षेत्र की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की रजिस्ट्रेशन करती हूं. इसके बाद उसको जांच की सलाह देती हूं. आंगनबाड़ी केंद्र संख्या में उसकी जांच करवाकर उसका नियमित तौर पर वजन जांच करती हूं एवं उसके खान-पान पर विशेष निगरानी रखती हूं. गर्भावस्था में अगर महिलाओं को सही पोषण मिल जाता है तो इससे उसके बच्चे भी स्वस्थ रहते हैं.
पोषण बगीचा लगाने को बता रही तरीके:
मुन्नी कुमारी बताती हैं कि सही पोषण के लिए लोगों को अपने घर में पोषण बगीचा लगाना चाहिए. बगीचे में उन चीजों को लगाना चाहिए जिसके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है. जैसे- हरी सब्जियां, साग, इन सब चीजों को बगीचा में लगाना चाहिए. इसे लेकर मैं अभी घर-घर लोगों को बता रही हूं. लोगों को समझा रही हूं कि घर के बगीचे में क्या-क्या लगाना चाहिए.
कुपोषण को दूर करने की बता रही उपाय: सेविका मुन्नी कुमारी कहती हैं जब से कोरोना काल शुरू हुआ है, तब से वह लोगों के घर-घर जाकर ही सारा काम कर रही है. उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण काल में सुपोषण की अहमियत अधिक बढ़ी है. इसलिए वह अब लोगों को बेहतर पोषण की जरूरत के बारे में जागरूक कर रही है. बेहतर पोषण मिलने से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत रहती है और वह दूसरी बीमारियों से भी बच्चे रहते हैं.
पहले की तुलना में अधिक जागरूक हुए लोग:
गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए पोषण की जरूरत अधिक होती है. सही मात्रा में सभी पोषक तत्वों को आहार में शामिल करने से उनका शरीर कैसे स्वस्थ रह सकता है, इस विषय में भी वह महिलाओं को जानकारी दे रही हैं. उन्होंने बताया स्तनपान एवं अनुपूरक आहार के बारे में पहले की तुलना में लोग अधिक जागरूक भी हुए हैं. ऐसे मुद्दों पर नियमित तौर पर जानकारी देते रहने से समुदाय में इसकी महता पर गंभीरता बनी रहती है