-राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र जारी कर दिया निर्देश
– लोगों को परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं के प्रति जागरूक करते हुए नियोजन संबंधी सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित कराने का होगा प्रयास
– प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन प्रत्येक महीने के 9 तारीख को परिवार नियोजन संबंधी परामर्श व पंजीकरण का होगा इंतजाम
मुंगेर-
कोरोना महामारी के इस दौर में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका विपरित प्रभाव पड़ा है। इसकी वजह से मातृ-शिशु मृत्यु दर के प्रभावित होने की चुनौतियों को देखते राज्य स्वास्थ्य समिति आम जनों को बेहतर मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है। इसके लिए परिवार नियोजन की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए नियोजन संबंधी विभिन्न उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने व योग्य दंपतियों को तत्काल परिवार नियोजन की सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों में प्रत्येक महीने की 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस के आयोजन का निर्देश दिया है। इसके साथ ही प्रत्येक महीने के 09 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन एएनसी जांच के लिये आने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद अगले बच्चे के जन्म में कम से तीन साल का अंतराल व अनचाहे गर्भ से बचने के लिये गर्भनिरोध से जुड़े विभिन्न संसाधनों के बारे में जरूरी परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने राज्य के सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी कर जरूरी दिशा- निर्देश दिए हैं।
प्रत्येक महीने के 21 तारीख को मनाया जायेगा परिवार नियोजन दिवस :
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए सिविल सर्जन डॉ हरेन्द्र आलोक ने बताया कि परिवार नियोजन संबंधी उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक महीने की 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस विशेष दिन जिला से लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में स्थित विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में परिवार नियोजन सेवा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। सिविल सर्जन ने हाल ही में जारी किए गए रिसर्च रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि परिवार नियोजन सेवाओं को सुलभ बनाकर अनचाहे गर्भ के मामले में 70 फीसदी, मातृत्व मृत्यु दर में 67 फीसदी नवजात मृत्यु दर में 77 फीसदी व प्रसव संबंधी जटिलता के मामलों में दो तिहाई तक कमी लाई जा सकती है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों तक परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं की आसान पहुंच से ही असुरक्षित गर्भपात के मामलों में कमी आयेगी । इसके साथ ही मातृत्व व शिशु मृत्यु दर में गिरावट, एचआईवी संक्रमण से बचाव, महिला सशक्तिकरण के साथ- साथ सामाजिक व आर्थिक विकास को भी तेज करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि विशेष दिवस के अलावा प्रत्येक दिन नियोजन संबंधी सेवाओं का संचालन पूर्व की तरह ही संचालित होगा। 21 तारीख के दिन नियोजन संबंधी विभिन्न विकल्पों में से ही यदि इच्छुक दंपति किसी एक का चयन करते हैं तो तत्काल उन्हें ये सुविधा उपलब्ध कराने का सारा इंतजाम होगा । सरकारी अवकाश होने की स्थिति में नियोजन दिवस का आयोजन इसके अगले दिन किया जायेगा।
परिवार नियोजन दिवस के सफल आयोजन के लिये हर स्तर पर अनुश्रवण व मूल्याकंन का होगा इंतजाम :
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम नसीम रजि ने इस संबंध में और भी जानकारी देते हुए बताया कि जिला के सभी चिकित्सा संस्थानों पर आयोजित होने वाले परिवार नियोजन दिवस का क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार कराया जायेगा| इसके साथ ही सभी स्थानों पर आम लोगों के उचित परामर्श का भी इंतजाम होगा। आयोजन की सफलता को लेकर हर स्तर पर अनुश्रवण व मूल्याकंन का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। जिला, अनुमंडल व रेफरल अस्पताल का क्षेत्रीय अपर निदेशक के माध्यम से अनुश्रवण किया जाना है तो सिविल सर्जन, एसीएमओ पीएचसी व एचडब्ल्यूसी का सपोर्टिव सुपरविजन किया जाना है। नियोजन दिवस से संबंधित गतिविधियों को संकलित कर 22 तारीख को निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन व उनके माध्यम से 23 तारीख को राज्य स्तर पर भेजा जाना है। इसके साथ ही बेहतर सेवा प्रदाता कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें पुरस्कृत भी किया जायेगा। इसी तरह प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक महीने के 09 तारीख को जिला के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के काउंसिलिंग का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। यहां एएनसी जांच के लिये आने वाली गर्भवती महिला व उनके परिजनों को परिवार नियोजन संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करते हुए उनका पंजीकरण किया जायेगा। इस दौरान इच्छुक लोगों को आवश्यक सेवाएं भी प्रदान की जायेगी।