निक्षय मित्र बनकर एमडीआर टीबी मरीज को दी राशन सामग्री के पैकेट

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–पैकेट में टीबी मरीज के लिए एक महीने की राशन सामग्री दी गई
–एनटीईपी टीम के सदस्य बने निक्षय मित्र, आगे भी मदद करेंगे
बांका-
  जिला नेशनल ट्यूबरक्लाउसिस इलिमिनेशन प्रोग्राम (एनटीईपी) टीम के सदस्य ने बुधवार को निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीज को राहत सामग्री दी। इनलोगों ने एमडीआर टीबी के मरीज को पूरे एक महीने की राशन सामग्री दी। एक फूड बास्केट दिया गया, जिसमें चावल, आटा, दाल, अंडा, आलू, सरसो तेल नमक आदि शामिल थे। एनटीईपी टीम के सदस्य डीपीएस गणेश झा, डीईओ अनुज कुमार, एसटीएलएस संजय कुमार सिंह, एसटीएस शिवरंजन कुमार, एएनएम इंदु चौधरी, एफडब्ल्यूए सुनीता देवी और जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय निक्षय मित्र बने। जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय ने कहा कि हमलोगों ने जरूरतमंद टीबी मरीजों की मदद की ठानी है। इसी को लेकर हमलोग निक्षय मित्र बने हैं। आगे भी कोई जरूरतमंद टीबी के मरीज आते हैं तो उनकी भी मदद की जाएगी। अन्य लोग भी निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों की मदद कर रहे हैं। समाजसेवी, जनप्रतिनिधि समेत तमाम लोग निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों की मदद कर सकते हैं।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सोहेल अंजुम ने कहा कि निक्षय मित्र योजना से टीबी मरीजों को बहुत बड़ी राहत मिल सकती है। यह अच्छी बात है कि बांका जिले में निक्षय बनने लगे हैं और इसका फायदा भी टीबी मरीजों को होने लगा है। एनटीईपी टीम के सदस्यों ने बहादुरी का काम किया है। इससे दूसरे लोगों को भी निक्षय मित्र बनने की प्रेरणा मिलेगी, जिससे बांका जिला को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि टीबी से बचाव के लिए लोगों को पौष्टिक आहार पर जोर देना चाहिए। सरकारी अस्पताल में इलाजरत टीबी के मरीजों में निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह की राशि भी दी जाती है और अब निक्षय मित्र के जरिये भी मदद मिल रही है। इसलिए टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार के सेवन जरूर करना चाहिए।
इलाज जल्द शुरू होने से जल्द होंगे ठीकः जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सोहेल अंजुम ने कहा कि सरकारी अस्पताल में टीबी मरीजों की जांच और इलाज की व्यवस्था मुफ्त है। इसलिए अगर लोगों को टीबी के लक्षण पता चले तो हिचक नहीं करनी  चाहिए। तत्काल जांच के लिए सरकारी अस्पताल आना चाहिए। जांच में पुष्टि हो जाने के बाद तत्काल इलाज शुरू किया जाएगा। जल्द इलाज शुरू होने से जल्द ठीक भी हो जाते हैं। इसलिए अगर किसी को लगातार दो हफ्ते तक खांसी आए, बलगम के साथ खून आए, लगातार बुखार रहे या फिर शाम के वक्त ज्यादा पसीना आए तों जांच कराने के लिए तत्काल सरकारी अस्पताल जाएं।