–स्वास्थ्य विभाग और केएचपीटी ने टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक आयोजित की
–टीबी मरीजों से सेहत की जानकारी ली, क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने की अपील की
भागलपुर, 17 फरवरी-
जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) की ओर से टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में टीबी के सात मरीज और सात देखभाल करने वाले मौजूद थे। साथ ही सीएचसी प्रभारी, डॉक्टर, एसटीएस, एलटी और केएचपीटी के सीसी मौजूद थे। केएचपीटी के सीसी शानू प्रताप सिंह ने सभी टीबी मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और फिर सरकार द्वारा टीबी को खत्म करने के अभियान के बारे में बताया। टीबी कैसे कैसे फैलता है, उससे बचाव कैसे किया जाय, सही समय पर इलाज और नियमित दवाई लेने से टीबी को कैसे खत्म कर सकते हैं, इसकी जानकारी दी गई। सभी को बताया गया कि आसपास के लोगों के बीच भी इन बातों को रखें और कोई टीबी के लक्षण वाले लोग दिखें तो उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल भेजकर जांच कराएं। जांच में अगर टीबी की पुष्टि हो जाती है तो तत्काल इलाज शुरू कर दें।
टीबी मरीज नियमित तौर पर दवा खाएं- जगदीशपुर के प्रभारी और डॉक्टर ने भी मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की और दवा खाने से कोई दुष्परिणाम हो रहा है तो उसके बारे में जानकारी ली। उन्हें सलाह देते हुए यह बताया कि दवा को बीच में बंद नहीं करना है और नियमित दवा लेनी है। इसके बाद एसटीएस ने भी लोगों को सलाह देते हुए उनके खाते में पैसे आ रहे हैं या नहीं, इनकी जानकारी ली और भरोसा देते हुए कहा कि आप सभी के खाते में पैसे जा रहे हैं। आप अब जरूर एक बार चेक करें। अगर नहीं आ रहा हो तो आप आकर मिलें पर बीच में दवा बंद नहीं करनी है और दवा लगातार खाएं।
सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच और इलाज मुफ्तः उधर, सबौर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भी शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग और केएचपीटी के सहयोग से टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक आयोजित की गई। यहां पर 11 टीबी के मरीज और नौ लोग उनकी देखभाल करने वाले थे। यहां पर अस्पताल प्रभारी डॉ. शुभ्रा वर्मा ने सभी मरीजों से सेहत की जानकारी ली और उन्हें नियमित तौर पर दवा लेने की सलाह दी। उन्होंने वहां पर मौजूद लोगों को टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी। साथ ही कहा कि इन बातों के जाकर लोगों में शेयर करें। अगर किसी में टीबी के लक्षण दिखाई पड़े तो उसे सरकारी अस्पताल जांच के लिए लाएं। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो उसका तत्काल इलाज शुरू करवाएं। सरकारी अस्पताल में टीबी का मुफ्त इलाज होता है। साथ में दवा भी मुफ्त मिलती है और इलाज होने तक निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपये प्रतिमाह राशि भी दी जाती है।