अब बिना भौतिक सत्यापन के ही दिव्यांगों का बन सकेगा यूनिक डिसेबलिटी आइडेंटी कार्ड 

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– राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को जारी किए दिशा-निर्देश
– अभी जिला के सिविल सर्जन कार्यालय के द्वारा भौतिक सत्यापन के बाद बनता है दिव्यांगों का यूडीआईडी कार्ड
मुंगेर, 2 जुलाई-
जिला में अब बिना भौतिक सत्यापन के ही दिव्यांगों का यूनिक डिसेबलिटी आइडेंटी कार्ड (यूडीआईडी) कार्ड बन सकेगा । इसको ले राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि यूडीआईडी कार्ड दिव्यांग जनों के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार की  विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए एकल दस्तावेज के रूप में मान्यता प्राप्त है। अभी दिव्यांग जनों के द्वारा यूडीआईडी पोर्टल पर यूडीआईडी कार्ड के लिए आवेदन (रजिस्ट्रेशन) पत्र जमा करने के बाद जिला मुख्यालय स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाता है। इसके बाद ही संबंधित दस्तावेज और दिव्यांगता प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है।
जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि ने बताया कि  दिव्यांग जनों को विशिष्ट पहचान पत्र यूडीआईडी कार्ड बनाने एवं डाटा बेस तैयार करने के उद्देश्य से यूडीआईडी परियोजना का क्रियान्वयन दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार एवं बिहार सरकार के द्वारा किया जाता है। सरकार के द्वारा दिव्यांग जनों का यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए निदेशालय के स्तर पर एमआईएस पोर्टल (http://www.swdbihar.in/UDID/Home.aspx) विकसित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित चिकित्सकीय प्राधिकार के द्वारा निर्गत दिव्यांगता प्रमाण पत्र ही यूडीआईडी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इसके बाद उनका अभिलेख संबंधित जिला के सिविल सर्जन/ संबंधित स्वास्थ्य केंद्र कार्यालय में भी संधारित रहता है। इसके बावजूद सभी जिला के सिविल सर्जन कार्यालय के द्वारा यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए दिव्यांग जनों को अनुरोध पत्र के माध्यम से उन्हें भौतिक सत्यापन के लिए कार्यालय बुलाया जाता है जो कि दिव्यांगता से ग्रसित व्यक्ति के लिए अनुचित लगता है। इस पर सशक्तिकरण निदेशालय (समाज कल्याण विभाग) ने खेद भी प्रकट किया है।